scriptचीन पर 125% नहीं बल्कि 145% टैरिफ, जानिए एक्स्ट्रा पेनल्टी की वजह और कैसे दुनिया पर पड़ेगा ‘टैरिफ वॉर’ का असर | Trump tariff on China 145 percent not 125 percent, know why extra penalty and how this tariff war could impact world | Patrika News
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चीन पर 125% नहीं बल्कि 145% टैरिफ, जानिए एक्स्ट्रा पेनल्टी की वजह और कैसे दुनिया पर पड़ेगा ‘टैरिफ वॉर’ का असर

Trump’s Tariff Bomb: अमेरिका और चीन के बीच ‘टैरिफ वॉर’ हर दिन नए मोड़ ले रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर लगाए टैरिफ को बढ़ाकर 125% कर दिया था, लेकिन अब इसमें एक नया ट्विस्ट आ गया है। व्हाइट हाउस की तरफ से बताया गया कि अमेरिका की तरफ से चीन पर 125% नहीं, बल्कि 145% टैरिफ लगाया गया है। हालांकि ट्रंप के इस ‘टैरिफ बम’ की गूंज सिर्फ चीन में नहीं, बल्कि दुनियाभर में सुनाई देगी।

भारतApr 11, 2025 / 03:34 pm

Tanay Mishra

Tariff War between USA and China

Tariff War between USA and China

अमेरिका (United States Of America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने ‘टैरिफ वॉर’ (Tariff War) में एक बड़ा फैसला लेते हुए भारत समेत 75 देशों को इस टैरिफ से राहत देने का फैसला लिया है। ट्रंप ने इस टैरिफ पर 90 दिन की रोक लगाते हुए सिर्फ 10% का रेसिप्रोकल टैरिफ ही लागू करने का ऐलान किया। ट्रंप ने जहाँ कई देशों को टैरिफ से राहत दे दी है, चीन (China) के खिलाफ भारी टैरिफ लगाने से ट्रंप बिल्कुल पीछे नहीं हट रहे। दोनों देशों के बीच ‘टैरिफ वॉर’ काफी गंभीर होता जा रहा है, क्योंकि अब खुलासा हुआ है कि ट्रंप ने चीन पर 125% नहीं, बल्कि 145% टैरिफ लगाया है।

◙ व्हाइट हाउस ने चीन पर टैरिफ की स्थिति की साफ

व्हाइट हाउस (White House) ने साफ कर दिया है कि अमेरिका की तरफ से चीन पर 125% नहीं, बल्कि 145% टैरिफ लगाया है। अमेरिका ने चीन पर 20% एक्स्ट्रा टैरिफ भी लगाया है, जो मार्च 2025 से लागू है।

◙ 20% एक्स्ट्रा फेंटेनाइल टैरिफ

मन में सवाल आना स्वाभाविक है कि अमेरिका की तरफ से चीन पर 20% एक्स्ट्रा टैरिफ क्यों लगाया है? दरअसल 20% एक्स्ट्रा टैरिफ फेंटेनाइल पर लगाया गया है। फेंटेनाइल एक स्ट्रॉन्ग सिंथेटिक ओपिओइड यानी कि एक घातक ड्रग है।

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◙ फेंटेनाइल क्यों है अमेरिका के लिए घातक?

फेंटेनाइल की ओवरडोज़ इंसान के दिमाग में ऑक्सीजन की सप्लाई कम कर सकती है। इससे इंसान के कोमा में जाने का या मौत होने का खतरा रहता है। रिपोर्ट के अनुसार इस घातक ड्रग से अमेरिका में हर साल करीब 70 हज़ार लोगों की मौत हो जाती है। इसी वजह से ट्रंप प्रशासन इसके सख्त खिलाफ है और इसकी तस्करी को रोकने के लिए इस पर टैरिफ लगाने के साथ ही बॉर्डर पर भी सख्ती के निर्देश दे दिए गए हैं।

◙ ‘टैरिफ वॉर’ से ग्लोबल इकोनॉमी की ग्रोथ रेट होगी धीमी

आईएमएफ (इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड – IMF) जिसे अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष भी कहा जाता है, के अनुसार अमेरिका और चीन मिलकर ग्लोबल इकोनॉमी में अहम योगदान देते हैं। ऐसे में दोनों देशों के बीच सीधे तौर पर ‘टैरिफ वॉर’ से ग्लोबल इकोनॉमी की ग्रोथ रेट धीमी हो जाएगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चीन ने भी अमेरिका पर 84% टैरिफ लगाया है। ग्लोबल इकोनॉमी की ग्रोथ रेट धीमी होने की वजह से कई देशों की इकोनॉमी पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है।
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◙ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट को भी लगेगा झटका

ग्लोबल इन्वेस्टमेंट पर गौर किया जाए, तो इसमें भी अमेरिका और चीन का बड़ा योगदान है। ऐसे में दोनों देशों के एक-दूसरे पर भारी टैरिफ लगाने और ‘टैरिफ वॉर’ को बढ़ाने से ग्लोबल इन्वेस्टमेंट को झटका लगेगा।

◙ दुनियाभर में सुनाई देगी ‘टैरिफ बम’ की गूंज

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और चाइनीज़ राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) भले ही एक-दूसरे के खिलाफ ‘टैरिफ वॉर’ में हिस्सा ले रहे हैं, लेकिन इसका असर दुनियाभर पर होगा। दोनों के इस ‘टैरिफ बम’ की गूंज सिर्फ अमेरिका और चीन में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में सुनाई देगी।

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