डेविड हेडली और तहव्वुर राणा की भूमिका
पाकिस्तानी-अमेरिकी नागरिक और लश्कर-ए-तैयबा का एजेंट डेविड हेडली ने इस हमले की साजिश रची थी। उसका असली नाम दाऊद गिलानी है। हेडली ने मुंबई के प्रमुख स्थानों की रैकी कर आतंककारियों को इन स्थानों के बारे में विस्तृत जानकारी दी थी। हेडली ने अपनी यात्रा के दौरान मुंबई, दिल्ली, और अन्य भारतीय शहरों में कई जगहों के वीडियो भी बनाए थे, उसने बाद में ये वीडियो आतंककारियों को भेजे थे। उसकी मदद से लश्कर-ए-तैयबा ने हमले का षडयंत्र रचा था।
राणा लश्कर-ए-तैयबा के साथ साजिश करने में शामिल था
तहव्वुर राणा, एक कनाडाई नागरिक, हेडली का सहयोगी था। वह एक व्यवसायी था और उसने हेडली को पाकिस्तान से भारत आने के लिए सहायता दी। राणा ने हेडली को नकली दस्तावेज, वीजा और अन्य सहायता प्रदान की, ताकि वह भारत में जाकर हमले की योजना को अंजाम दे सके। राणा लश्कर-ए-तैयबा के साथ साजिश करने में शामिल था, और उसने इस हमले के लिए वित्तीय मदद भी दी थी।
26/11 आतंकी हमले का नजारा
मुंबई में 26 नवंबर 2008 की रात, 10 आतंकवादियों ने कई स्थानों पर हमले किए। आतंककारियों ने ताज होटल, ओबेरॉय होटल, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसटी) और नरीमन हाउस जैसे प्रमुख स्थानों पर बम और गोलियों से हमला किया। हमले की शुरुआत ताज होटल से हुई, जहां आतंककारियों ने होटल में घुस कर लोगों को बंधक बना लिया था।
सुरक्षा बलों की कार्रवाई के बाद सभी आतंककारियों को मार गिराया गया
आतंककारियों ने होटल, रेलवे स्टेशन और नरीमन हाउस पर 60 घंटे तक कब्जा जमाए रखा। इस दौरान भारतीय सुरक्षा बलों ने आतंककारियों से लड़ने के लिए एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड), एनआईए, और मुंबई पुलिस को तैनात किया था। सुरक्षा बलों की जबरदस्त कार्रवाई के बाद सभी आतंकवादियों को मार गिराया गया।
हमारे जांबाज अफसर शहीद हुए
26/11 के हमले में कई बहादुर सुरक्षा अधिकारी शहीद हुए, जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगा कर हमलावरों का मुकाबला किया। इनमें प्रमुख रूप से मुंबई पुलिस, एनएसजी, और सेना के अफसर शामिल थे। इस हमले कई प्रमुख अफसर शहीद हुए:
निहत्थे तुकाराम ओंबले अंतिम समय तक डटे रहे
मुंबई पुलिस के सहायक उपनिरीक्षक तुकाराम ओंबले को हमले की रात को आतंकवादी अजमल कसाब को पकड़ने की कोशिश करते दक्षिण मुंबई के गिरगांव चौपाटी पर गोली मारी गई थी। तब निहत्थे ओंबलेने कसाब से हाथापाई कर अपनी राइफल पकड़ ली थी, जिससे अन्य लोग उन्हें गिरफ्तार कर सकें। कसाब ने अपनी गिरफ्तारी से पहले कई राउंड फायर किए, और गोली लगने से ओंबले की मौत हुई थी।
असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर (API) अशोक कांबले
असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर (API)अशोक कांबले ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसटी) पर आतंककारियों से लोहा लिया। वे आतंकवादियों से मुकाबला करते हुए शहीद हुए थे। मुख्य सुरक्षा अधिकारी (NSG) हेमंत करकरे
हमले के समय तेजतर्रार मुख्य सुरक्षा अधिकारी (NSG) हेमंत करकरे मुंबई पुलिस के प्रमुख थे। वे ताज होटल के आतंककारियों के खिलाफ ऑपरेशन में भाग ले रहे थे और हमले में शहीद हो गए थे।
एनएसजी कमांडो संदीप उन्नीकृष्णन
एनएसजी के प्रमुख कमांडो सांदीप उन्नीकृष्णन ने ताज होटल में घुस कर आतंककारियों से मुकाबला करने के दौरान शहीद हुए थे। इसके अलावा, मुंबई पुलिस के कई अन्य अधिकारी, एनएसजी और सेना के जवान भी इस हमले में शहीद हुए थे।
हेडली और राणा को गिरफ्तार किया गया
मुंबई हमले के बाद, डेविड हेडली और तहव्वुर राणा को गिरफ्तार किया गया। हेडली को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया, जबकि राणा को पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया था। हेडली ने अमेरिकी कोर्ट में अपने अपराधों को स्वीकार किया और उसे लंबी सजा सुनाई गई। तहव्वुर राणा को प्रत्यर्पण कर भारत लाया जा चुका है।
इस हमले ने भारत और दुनिया को आतंकवाद से आगाह किया
बहरहाल मुंबई 26/11 आतंकी हमले में तहव्वुर राणा और डेविड हेडली ने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों की मदद की थी। इस हमले में भारतीय और विदेशी नागरिकों की मौत हुई थी और कई बहादुर सुरक्षा अधिकारी शहीद हो गए थे। इस हमले ने भारत और दुनिया भर को आतंकवाद के खतरे से आगाह किया।