Ramadan 2025: इस देश के मुस्लिमों को हुआ ‘ग़लती’ का एहसास, रमज़ान के महीने में यह भूल सुधरवाने की मची होड़
Ramadan 2025: इस्लाम के मुताबिक अपने शरीर पर टैटू बनवाना मना है,इसके बावजूद
लोगों ने पहले टैटू बनवाए,लेकिन रमज़ान के महीने में जब टैटू बनवाने पर मज़हबी लिहाज़
से ऐतराज़ हुआ तो इस देश के मुसलमानों से इसे हटवाना शुरू कर दिया।
Ramadan 2025: आजकल टैटू बनवाना आम फैशन है और यह खूब चलन में भी है। फैशन और ट्रेंड की वजह से कई लोगों ने पहले तो टैटू (tattoos) बनवा लिए, लेकिन जब इस्लाम ( Islam) मज़हब के लिहाज़ से इसे गलत और शरियत के खिलाफ बताया गया तो रमज़ान (Ramadan) के महीने में इस गलती को सुधारने का सिलसिला शुरू हुआ, जो लगातार जारी है। अब रमज़ान के महीने में मुसलमानों ने फैशन के चलते बनवाए गए टैटू हटवाने (tattoos removal) की प्रक्रिया शुरू की है, क्योंकि इस्लाम में शरीर पर स्थायी बदलाव की अनुमति नहीं (Islamic beliefs) है। इस पाक महीने में टैटू बनवाने पर ऐतराज़ होने के बाद जकार्ता में मुफ्त टैटू हटवाने के कैम्प में अब तक कुल 3000 मुसलमान टैटू हटवा चुके हैं। ध्यान रहे कि जकार्ता में इस्लामी चैरिटी संगठन और अमिल जकात नेशनल एजेंसी की ओर से कैम्प का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें ऐसे मुसलमानों को मुफ्त में टैटू हटाने की सुविधा दी जा रही है।
रमज़ान के महीने में इंडोनेशिया के मुसलमानों में टैटू हटवाने के लिए होड़ मची।
टैटू हटवाने की प्रक्रिया में दर्द और मुश्किलें
टैटू बनवाने में ही नहीं, टैटू हटवाने की प्रक्रिया में भी बहुत दर्द सहना पड़ता है। इस काम के लिए लेजर तकनीक का इस्तेमाल होता है, जिसमें बार-बार मेडिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता होती है और पूरी तरह से सफल होने की कोई गारंटी नहीं होती। इसके अलावा, बड़े टैटू हटाने के लिए हजारों डॉलर का खर्च भी आता है।
सिर्फ फैशन के लिए टैटू बनवाए थे, लेकिन अब वह पछता रहा है
इंडोनेशिया के तेगुह इस्लेन नामक एक शख्स का कहना है कि वह रमज़ान के इस महीने में अपनी गलती सुधारने के लिए टैटू हटवा रहा है। उसने कहा कि पहले उसने सिर्फ फैशन के लिए टैटू बनवाए थे, लेकिन अब वह पछता रहा है। इसी तरह एक 30 वर्षीय गिटारिस्ट ने भी अपनी पीठ, हाथ और पैरों पर टैटू बनवाए थे, लेकिन अब उसे पछतावा हो रहा है। उनसे जब कहा गया कि रमज़ान के महीने में टैटू की वजह से रोज़ा कुबूल नहीं होगा और शरियत के हिसाब से यह सही नहीं है तो टैटू हटवाने के लिए ऐसे मुसलमानों की कतार लग गई।
रमज़ान के महीने में टैटू हटवाने के लिए मांग बढ़ी
रमज़ान के इस महीने में इस टैटू हटवाने के लिए ऐसे मुसलमानों का तांता लग गया है, और अब तक लगभग 700 लोगों ने टैटू हटवाने के लिए पंजीकरण भी करवा लिया है। इस संस्था की यह मुहिम सन 2019 में शुरू हुई थी और अब तक कुल 3000 मुसलमानों ने इसका फायदा उठाया है। इधर टैटू हटाने के कार्यक्रम के प्रबंधक मोहम्मद असेप वाहुदी ने बताया कि कई लोग टैटू हटावाने का खर्च नहीं उठा सकते, या उन्हें यह भी पता नहीं होता कि टैटू को सुरक्षित तरीके से कहां और कैसे हटवाया जाए, ऐसे लोगों के लिए उनकी संस्था और उसका यह कैम्प एक वरदान साबित हो रहे हैं।