◙ हथियार खरीदने के लिए सस्ते और लंबी अवधि के कर्ज़ दे रहा भारत
दुनिया के कई देश हथियार खरीदने के लिए रूस पर निर्भर हैं। खुद भारत भी रूस से बड़ी मात्रा में हथियार खरीदता है। लेकिन पिछले तीन साल से यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ रहे रूस को खुद भी हथियारों की काफी ज़रूरत है। ऐसे में रूस पर हथियारों की खरीद के लिए निर्भर रहने वाले देश इसके लिए अन्य ऑप्शन का रुख कर रहे हैं और भारत उन्हें वो ऑप्शन दे भी रहा है। भारत कई देशों को उनसे हथियार खरीदने के लिए सस्ते और लंबी अवधि के कर्ज़ दे रहा है। रिपोर्ट के अनुसार भारत एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बैंक (EXIM Bank) के ज़रिए कई देशों को हथियार खरीदने के लिए कर्ज़ दे रहा है। इसका फायदा उन देशों को मिलेगा जो राजनीतिक अस्थिरता, कमज़ोर अर्थव्यवस्था या कम क्रेडिट रेटिंग की वजह से महंगे कर्ज़ लेने में सक्षम नहीं हैं।
◙ 20 देशों में भारत ने भेजे डिप्लोमैट
रिपोर्ट के अनुसार भारत ने करीब 20 देशों में अपने डिप्लोमैट भेजे हैं। इनमें ब्राज़ील, अर्जेंटीना, अल्जीरिया, मोरक्को, कंबोडिया, गुयाना, तंजानिया, इथियोपिया जैसे देश हैं। इन देशों में अपने डिप्लोमैट भेजकर भारत वहाँ पर हथियारों की ज़रूरत को देखते हुए भारत के निर्यात को बढ़ावा देने पर काम करेंगे।
◙ 4 साल में 62% बढ़ा भारत का डिफेंस प्रोडक्शन
रिपोर्ट के अनुसार भारत ने 2023-24 में करीब 1.27 लाख करोड़ के हथियार बनाए। यह आंकड़ा वहीं 2019-2020 की तुलना में 62% ज्यादा है। भारत का लक्ष्य 2029 तक रक्षा निर्यात को करीब 50 हज़ार करोड़ रुपये तक पहुंचाने का है। भारत में छोटे हथियारों का प्रोडक्शन तो लंबे समय से हो रहा है, लेकिन पिछले कुछ साल में भारत की कुछ प्राइवेट कंपनियों ने एडवांस हथियार बनाने भी शुरू कर दिए हैं। इसका फायदा न सिर्फ देश के लिए मिल रहा है, बल्कि दूसरे देशों को निर्यात करने के लिए भी मिल रहा है।
◙ हथियार बाज़ार में भारत कर रहा अपनी पकड़ मज़बूत
रूस, जो हथियार बाज़ार में काफी मज़बूत है, यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की वजह से व्यस्त है। अब भारत भी कर्ज़ देकर हथियार बेचने लगा है और रूस-यूक्रेन युद्ध का भारत को इस तरह से ‘फायदा’ मिल रहा है कि रूस से हथियार खरीदने वाले कई देश अब भारत का रुख करने लगे हैं। कई यूरोपीय देश हथियार खरीदने के लिए भारी-भरकम कर्ज़ देते हैं। ऐसे में भारत का सस्ता कर्ज़ कई देशों के लिए अच्छा ऑप्शन है। ऐसा करते हुए भारत, हथियार बाजार में अपनी पकड़ मज़बूत कर रहा है। ऐसा करने से भारत का निर्यात तो बढ़ेगा ही, भारतीय कंपनियों का हथियार प्रोडक्शन भी बढ़ेगा। इससे रोजगार के अवसरों में भी इजाफा हो सकता है और देश की अर्थव्यवस्था को भी मज़बूती मिलेगी। इतना ही नहीं, एडवांस हथियारों के भारत में ही प्रोडक्शन से देश की दूसरे देशों से हथियार खरीदने की निर्भरता भी कम होगी।