आलोचकों को अमेरिका में घर बनाने से रोकने का मौका मिल सकता है
इस कदम से व्हाइट हाउस के आलोचकों को अमेरिका में अपना घर बनाने से रोकने का मौका मिल सकता है। यह नीति अमेरिका में कानूनी रूप से रहने वाले कई भारतीयों को प्रभावित करेगी, जो भारतीय और अमेरिकी राजनीति में सक्रिय योगदान देती है। सरकार की बढ़ती निगरानी इन लोगों को नकारात्मक परिणामों के जोखिम के कारण ऑनलाइन राजनीतिक मामलों पर बोलने से हतोत्साहित कर सकती है।
इस कदम के पीछे का कारण
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने 5 मार्च को जारी एक नोटिस में घोषणा की थी कि वह अपनी योजना पर सार्वजनिक टिप्पणी मांग रहा है, जिसमें कहा गया है कि USCIS ने “पहचान सत्यापन, राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक सुरक्षा जांच, और संबंधित निरीक्षणों को सक्षम करने और सहायता करने के लिए आवेदकों से सोशल मीडिया पहचानकर्ता (‘हैंडल’) और संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म नाम एकत्र करने की आवश्यकता की पहचान की है।” दस्तावेज़ में कहा गया है कि “बढ़ी हुई पहचान सत्यापन, जांच और राष्ट्रीय सुरक्षा जांच” के लिए सोशल मीडिया खातों की जांच होना आवश्यक थी।
ग्रीन कार्ड धारकों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा ?
यह योजना मौजूदा नीति का विस्तार है, जिसके तहत विदेश में वीज़ा आवेदकों को अपने सोशल मीडिया हैंडल उपलब्ध कराने होंगे। प्रस्ताव में उन मौजूदा निवासियों पर भी जांच का विस्तार करने का प्रस्ताव है, जो देश में वैध रूप से मौजूद हैं, जिनमें ग्रीन कार्ड धारक और स्थायी निवास के लिए आवेदन करने वाले शरणार्थी शामिल हैं। ट्रंप प्रशासन के आक्रामक आव्रजन प्रवर्तन के बीच सोशल मीडिया पर निगरानी में वृद्धि हुई है, जिसमें ग्रीन कार्ड और वीजा धारकों की गहन जांच शामिल है।
अवैध अप्रवासियों के “आक्रमण” से लड़ने के लिए काम करने का निर्देश
डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार सत्ता में आने के बाद से ही वे अप्रवासियों को निर्वासित करने के सख्त दृष्टिकोण ने अमेरिका में पहले से ही स्पष्ट पक्षपाती विभाजन को और तेज कर दिया है। ट्रंप ने 20 जनवरी को, कार्यालय में वापस आने के अपने पहले दिन संघीय एजेंसियों को अवैध अप्रवासियों के “आक्रमण” से लड़ने के लिए मिल कर काम करने का निर्देश देते हुए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले देश के अनुमानित 1 करोड़ 10 लाख अप्रवासियों को इससे प्रभावित बताया। तब प्रवर्तन विभाग ने सोशल मीडिया पर दमन की तस्वीरें पोस्ट करना शुरू कर दिया और कई एजेंसियों FBI,आग्नेयास्त्र विस्फोटक ब्यूरो (ATF) और ड्रग प्रवर्तन प्रशासन ने अप्रवासियों पर छापे मारे थे।