◙ चीन के 84% टैरिफ के जवाब में अमेरिका ने लगाया 125% टैरिफ
चीन ने अमेरिका पर लगाए टैरिफ को बढाकर 84% कर दिया है। इसके जवाब में अमेरिका ने भी चीन पर लगाए टैरिफ को बढ़ाकर 125% कर दिया है। दोनों देशों की तरफ से एक दूसरे पर लगाए टैरिफ प्रभाव में भी आ गए हैं।
◙ चीन, अमेरिका से क्या-क्या खरीदता है?
मन में सवाल आना स्वाभाविक है कि चीन, अमेरिका से क्या-क्या खरीदता है? इसकी लिस्ट काफी लंबी है। चीन, अमेरिका से एयरोस्पेस उत्पाद और पुर्जे, मूलभूत रसायन, कोयला और पेट्रोलियम गैस, संचार और सेवा उद्योग मशीनरी, इंजन और टर्बाइन, विद्युत उपकरण, तेल और गैस, कंप्यूटर उपकरण, फल और सूखे मेवे, सामान्य प्रयोजन मशीनरी, औद्योगिक मशीनरी, समुद्री उत्पाद, मांसाहारी उत्पाद, चिकित्सा उपकरण, विविध निर्मित धातु उत्पाद, मोटर वाहन और उसके पुर्जे, नेविगेशनल और मापन उपकरण, तिलहन और अनाज, फार्मास्युटिकल उत्पाद और दवाएं, पेपरबोर्ड मिल उत्पाद, रेजिन और सिंथेटिक फाइबर, स्क्रैप उत्पाद जैसी चीज़ें खरीदता है।
◙ अमेरिका, चीन से क्या-क्या खरीदता है?
अमेरिका, चीन से स्मार्टफोन, कंप्यूटर, टीवी और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, विभ्भिन मशीनरी और उसके उपकरण/पुर्जे, कपड़े, जूते, खिलौने, गेमिंग डिवाइसेज़, फर्नीचर जैसे बेड, सोफा, टेबल, और अन्य घरेलू ज़रूरत की चीज़ें, प्लास्टिक और रबर उत्पाद, पैकेजिंग सामग्री और ऑटोमोबाइल पार्ट्स जैसी चीज़ें खरीदता है।
◙ इस ‘टैरिफ वॉर’ का क्या पड़ेगा दोनों देशों पर असर?
इस ‘टैरिफ वॉर’ का असर दोनों देशों पर पड़ेगा। हाई टैरिफ की वजह से चीन की कई कंपनियों को अमेरिका में अपना सामान बेचने में परेशानी होगी क्योंकि टैरिफ की वजह से उसकी कीमत अमेरिकी बाज़ार में काफी बढ़ जाएगी। इससे उन चाइनीज़ सामानों पर निर्भर रहने वाले अमेरिकी व्यवसायों को भी नुकसान होगा। अमेरिका, चीन के लिए एक बड़ा मार्केट है और इस टैरिफ से चीन को काफी नुकसान होगा। अमेरिका की कई कंपनियाँ भी हाई टैरिफ के चलते चीन में अपना काफी सामान नहीं बेच पाएंगे, जिसका नेगेटिव असर उन कंपनियों से सामान खरीदने वाले चाइनीज़ व्यवसायों पर पड़ेगा।