नीरजकुमार सिंह को 31 दिसंबर 2023 को उज्जैन कलेक्टर बनाया था। इसके दो दिन बाद उन्होंने पदभार संभाला था। नीरजकुमार के सामने सिंहस्थ-28 की तैयारियां मुख्य चुनौती थी हालांकि सिंहस्थ की तैयारियों के बीच 16 महीने में ही उनका स्थानांतरण हो गया है।
स्थानांतरण को लेकर प्रशासनिक गलियारों में अलग-अलग कयास
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के स्थानांतरण को लेकर प्रशासनिक गलियारों में अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं। वे भारतीय प्रशासनिक सेवा 2012 बैच के अधिकारी हैं। नीरज कुमार की वरिष्ठता भी उनके ट्रांसफर का एक प्रमुख कारण माना जा रहा है।
हाल ही में कलेक्टर नीरज कुमार के पारिवारिक विवाद की चर्चाएं भी सामने आई थीं। राजधानी भोपाल में अखबारों में इसके समाचार भी प्रकाशित हुए थे। नीरजसिंह के उज्जैन में किए कार्यों व अनुभव को लेकर चर्चा करना चाही लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
सुबह जल्द कार्य शुरू करने की छवि
कलेक्टर के रूप में नीरज कुमार सिंह की बेहद मेहनती व कार्यकुशल अधिकारी की छवि थी। सुबह जल्द कार्य शुरू करने, लंबी बैठकों के साथ ही फील्ड पर अधिक रहने जैसी कार्यप्रणाली उनकी पहचान बन गई थी। यही कारण है कि नीरज कुमार सिंह को स्थानांतरण के बाद स्वास्थ्य विभाग में अहम दायित्व दिया गया है। उन्हें लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के संचालक (परियोजना) के रूप में भोपाल भेजा गया है। बता दें कि करीब 16 महीने पूर्व भी नीरजकुमार सिंह व रोशनकुमार सिंह का स्थानांतरण साथ ही हुआ था। तब नीरजकुमार कलेक्टर बनकर उज्जैन आए थे और रोशनकुमार को भोपाल भेजा गया था।