चौथे दिन सुलगता रहा सज्जनगढ़ अभयारण्य…आग बेकाबू, 50 हेक्टेयर से ज्यादा जंगल हुआ खाक
सज्जनगढ़ अभयारण्य में लगी आग चौथे दिन भी बेकाबू रही। आग की लपटें पहाड़ी पर बने पैलेस के काफी निकट पहुंच चुकी है। उदयपुर रेंज और वाइल्ड लाइफ के वन कार्मिक तथा दमकलें आग बुझाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं, लेकिन शुक्रवार रात तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका।
उदयपुर। सज्जनगढ़ अभयारण्य में लगी आग चौथे दिन भी बेकाबू रही। आग की लपटें पहाड़ी पर बने पैलेस के काफी निकट पहुंच चुकी है। उदयपुर रेंज और वाइल्ड लाइफ के वन कार्मिक तथा दमकलें आग बुझाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं, लेकिन शुक्रवार रात तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका। अभयारण्य का करीब 50 हेक्टेयर से ज्यादा इलाका राख हो चुका है।
शुक्रवार को मानसून पैलेस के काफी निकट तक लपटें दिखाई दी। पहाड़ी क्षेत्र की आग बुझाने के लिए वनकार्मिकों को उतारा गया है। जिला कलक्टर नमित मेहता, सीसीएफ सुनील छिद्री और डीएफओ सुनीलकुमारसिंह समेत प्रशासनिक और वन अधिकारी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। हालांकि, आबादी क्षेत्र और बायोलॉजिकल पार्क अब तक सुरक्षित है। गुरुवार रात कुछ लपटें बायोलॉजिकल पार्क में बने पिंजरे के निकट लगी थी, लेकिन उसे तत्काल बुझा लिया गया।
बज रहे सायरन, रात-दिन दौड़ रहीं दमकलें
शहर में पिछले चार दिन से रात-दिन सायरन की आवाज सुनाई दे रही है। उदयपुर फायर स्टेशन की 15 दमकलें दिन-रात आग बुझाने के लिए दौड़ रही हैं। चित्तौड़गढ़ और राजसमंद से भी दमकल यहां मंगवाई गई है। दमकलें अब तक करीब साढ़े तीन सौ से ज्यादा फेरे लगा चुकी है। वनकार्मिकों के साथ फायर स्टेशन के कर्मचारी भी आग बुझाने की कोशिशों में लगे हुए हैं।
चने खाकर भूख मिटा रहे कार्मिक
उदयपुर शहर और रेंज का पूरा वन विभाग सज्जनगढ़ अभयारण्य में तैनात है। आबादी क्षेत्र और बायोलॉजिकल पार्क में आग न फैल जाए, इसके लिए वे 24 घंटे निगरानी कर रहे हैं।हालात यह है कि वे ठीक से खाना भी नहीं खा पा रहे। चने खाकर अपनी भूख शांत करनी पड़ रही है।