मुनि सम्बोधकुमार मेधांश ने कहा कि अगर हम समाधान नहीं है तो हम स्वयं ही समस्या है। आचार्य महाप्रज्ञ प्रकाश का केन्द्र थे। उनके आसपास रहने वाले स्वयं में उजाले महसूस करते थे। मुख्य अतिथि राज्यमंत्री जगदीशराज श्रीमाली ने कहा कि मैं अचार्य महाप्रज्ञ से प्रभावित हूं कि उनके सान्निध्य में मैंने अपने जीवन का परिवर्तन किया और मजदूर से राज्यमंत्री बना।
विशिष्ट अतिथि आरएनटी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. विपिन माथुर ने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं, मुझे आचार्य महाप्रज्ञ की चिकित्सकीय दायित्व के साथ सेवा करने का अवसर मिला। कार्यक्रम में अनुव्रत समिति संरक्षक गणेश कच्छारा, तेरापंथ सभाध्यक्ष अर्जुन खोखावत, टी.पी.एफ अध्यक्ष अरुण कोठारी, तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्षा सीमा पोरवाल, अणुव्रत समिति अध्यक्ष डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी, रूपलाल डागलिया, कर्णावत ने विचार व्यक्त किए।
समारोह में एमबी अस्पताल में मरीजों की निष्काम सेवा करने वाली शोभा राव को उल्लेखनीय सेवाओं के लिए अनुव्रत समिति द्वारा सुंदरदेवी चेरिटेबल ट्रस्ट के सहयोग से सम्मानित किया गया। आभार सभा उपाध्यक्ष कमल नाहटा ने ज्ञापित किया। संचालन तेरापंथ सभा मंत्री विनोद कच्छारा व अणुव्रत समिति मंत्री राजेन्द्र सेन ने किया।