जानकारी के मुताबिक रात 10.45 बजे टोंक में भूकंप आया। जिसका असर टोंक शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक में देखने को मिला। भूकंप के झटकों से लोग दहशत में आ गए और अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, गनीमत रही कि जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ।
इसी महीने पाली में आया था भूकंप
इससे पहले 6 अप्रैल की रात 1.29 बजे पाली और आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिएक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.7 मापी गई थी। भूकंप का केंद्र पाली से 71 किलोमीटर दूर पिपला गांव में रहा था।
जनवरी में जयपुर में कांपी थी धरती
बता दें कि टोंक और पाली से पहले जनवरी में राजधानी जयपुर के सांभर इलाके में भूकंप आया था। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार जयपुर के सांभर में रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.9 की मापी गई थी। भूकंप का केंद्र सांभर में ही धरती की सतह के 11 किलोमीटर नीचे रहा था। हालांकि, जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ था।
क्यों आता है भूकंप?
भूकंप का आना एक प्राकृतिक क्रिया है। धरती के भीतर कई प्लेट्स होती हैं जो अक्सर विस्थापित होती हैं। प्लेट्स के इस विस्थापन के सिद्धांत को प्लेट टैक्टॉनिकक कहते हैं। इन प्लेट्स के विस्थापन के कारण धरती हिलती है और भूकंप आता है।