बताया गया कि पलेरा विकासखंड के कंजना पीएमश्री विद्यालय के छात्र-छात्राओं का एक बस से शैक्षणिक भ्रमण कराया गया था। उसके नाम पर प्रभारी ने तीन बसों की राशि का ट्रांसफर अपने रिस्तेदारों के बैंक खातों में भेजी गई थी। विद्यालय में हुए विवाद के कारण विकासखंड स्तर और जिला स्तर की टीम द्वारा जांच की गई। जांच प्रतिवेदन तैयार किया गया। कार्रवाई से बचने के लिए प्रभारी ने बोर्ड परीक्षाओं के बीच दो यात्री बसों के माध्यम से शैक्षणित भ्रमण पर भेजा गया है।
बताया गया कि कंजना विद्यालय में फर्जी शैक्षणिक गतिविधियों के नाम पर प्रभारी ने अपने भाई विनोद अहिरवार के बैंक खातों में डाल दिए थे। इसका विवाद शिक्षकों के बीच का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। मामले की जांच के लिए कलेक्टर के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी ने दो सदस्यीय टीम विकास विभाग शिक्षा पलेरा राकेश कुमार जैन और बम्होरीकलां संकुल प्राचार्य विक्रम सिंह परिहार ने जांच की। इसके बाद जिला स्तर की टीम द्वारा जांच की गई।
बताया गया कि कार्रवाई से बचने के लिए एक मार्च को प्राचार्य जमुना प्रसाद अहिरवार ने शिक्षकों की बैठक आयोजित की। जिसमें कई शिक्षक अनुपस्थित रहे। बैठक में दो मार्च को ओरछा, झांसी और दतिया का भ्रमण कराए जाने के लिए प्रस्ताव डालकर स्वीकृत किया गया। जिसमें रितु कुशवाहा, जागेश्वर अहिरवार, सिद्धा राजोरिया, सत्य प्रकाश दिनकर, अखिलेश प्रजापति, राजू प्रसाद गौतम आदि शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई। छात्राओं को सुबह 7 बजे ले जाने और शाम को वापस लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
शैक्षिक गतिविधियों की भ्रमण परीक्षाओं के मध्य छात्रों को भ्रमण पर ले जाने की अनुमति के संबंध में हम कुछ नहीं कह सकते। यह बात जिला शिक्षा अधिकारी और वहां पर पदस्थ शरद खरे ही बता सकते है। उन्होंने कैसे बोर्ड परीक्षाओं के मध्य बच्चों को भ्रमण पर भेजा है।
राकेश कुमार जैन, बीईओ पलेरा।
आईएल आठ्या, जिला शिक्षा अधिकारी टीकमगढ़।