0 -कितने कारगर होंगे यह उपाय! – खाड़ी ब्रिज: माधवबाग के सामने पुराने खाड़ी ब्रिज को तोड़कर मनपा प्रशासन ने करीब तीन करोड़ की लागत से नया 80 टन स्टील का फेब्रिकेटेड ब्रिज तैयार किया गया है। यह ब्रिज पुराने ब्रिज से काफी ऊंचा रखा गया है, खाड़ी बाढ़ के दौरान भी लोग इस पर से आवा-जाही कर सकेंगे। एक तर्क यह भी निर्माण से पहले दिया गया था कि पुराना ब्रिज नीचा होने से मानसून में पानी के प्रवाह में रुकावट आती थी और नतीजन खाड़ी का पानी माधवबाग की गली में घुस जाता था।
– पंपिंग स्टेशन: खाड़ी बाढ़ के दौरान परवत पाटिया स्थित निचले इलाके में जमा पानी को वापस खाड़ी में डालने के लिए महानगरपालिका प्रशासन ने पिछले वर्ष ही क्षेत्र में तीन-चार जगहों पर पंपिंग स्टेशन कार्यरत कर दिए थे। इनमें से दो ऋषिविहार सोसायटी के सामने, एक विधाता सोसायटी के सामने व एक भाठेना में खाड़ी किनारे शामिल हैं।
– फ्लडगेट: खाड़ी के पानी को खाड़ी में ही रोकने के लिए महानगरपालिका प्रशासन ने सणिया से भाठेना व आगे तक जाने वाली इस खाड़ी पर कुछ जगहों पर फ्लडगेट भी बनाए हैं। इन्हीं में से एक फ्लडगेट ऋषिविहार सोसायटी के सामने करीब एक करोड़ की लागत से हाल ही में तैयार किया गया है।
– खाड़ी की साफ-सफाई: प्री मानसून कार्रवाई के दौरान इस खाड़ी की साफ-सफाई भी की गई है। बताया है कि खाड़ी की साफ-सफाई सणिया से भाठेना के आगे तक करीब 17 किलोमीटर तक पिछले समय में की जा चुकी है।
00 – खाड़ी की सफाई ही अधिक जरूरी: फ्लडगेट, पंपिंग स्टेशन, खाड़ी ब्रिज यह सभी कार्य अपनी जगह ठीक है, लेकिन सबसे अधिक जरूरी कार्य खाड़ी की गहराई से सफाई किया जाना महत्वपूर्ण है। सफाई पिछले समय में की भी गई थी, लेकिन वो कितनी कारगर साबित होगी यह तो मानसून के दौरान ही पता चल पाएगा।
– कुलदीप अग्रवाल, निवासी, ऋषिविहार सोसायटी 00 – क्षेत्र में हुए कई कार्य: प्री-मानसून कार्रवाई के दौरान परवत पाटिया क्षेत्र में कई कार्य हुए हैं और कुछ लगातार जारी है। प्रत्येक मानसून में लोगों को होने वाली खाड़ी बाढ़ की समस्या को ध्यान में रखकर ही इस क्षेत्र विशेष में महानगरपालिका प्रशासन ने खाड़ी की सफाई, फ्लडगेट, पंपिंग स्टेशन, खाड़ी ब्रिज, गटरलाइन की सफाई आदि कार्य किए हैं।
– गेमर देसाई, क्षेत्रीय पार्षद