scriptबच्चों को जंक फूड से दूर रखने को बनाया प्रेसिडेंशियल एक्शन प्लान | Presidential action plan made to keep children away from junk food | Patrika News
सूरत

बच्चों को जंक फूड से दूर रखने को बनाया प्रेसिडेंशियल एक्शन प्लान

– इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स एसोसिएशन का प्रयास…
– 30 डॉक्टर शहर के स्कूलों में देंगे प्रशिक्षण –

सूरतJun 18, 2023 / 09:43 pm

Sanjeev Kumar Singh

बच्चों को जंक फूड से दूर रखने को बनाया प्रेसिडेंशियल एक्शन प्लान

बच्चों को जंक फूड से दूर रखने को बनाया प्रेसिडेंशियल एक्शन प्लान

सूरत. इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स एसोसिएशन (आइएपीए) ने स्कूली बच्चों के लिए प्रेसिडेंशियल एक्शन प्लान मतलब संकल्प संपूर्ण स्वास्थ्य प्रोजेक्ट तैयार किया है। आइएपीए के अध्यक्ष डॉ. उपेंद्र किंजवाडेकर, सूरत इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अध्यक्ष डॉ. मनीष शर्मा, डॉ. प्रशांत कारिया और डॉ. योगेश पारीख ने मॉड्यूल का विमोचन गुरुवार को भुलका विहार स्कूल के बच्चों के साथ किया गया।
सूरत पीडियाट्रिक एसोसिएशन चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. मनीष शर्मा ने बताय कि इस साल सूरत के निजी और सरकारी स्कूलों में 30 डॉक्टरों की टीम संकल्प संपूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रम करने जाएगी। इसके लिए दो माड्यूल बनाए गए हैं। जूनियर मॉड्यूल एक घंटे और सीनियर मॉड्यूल दो घंटे की अवधि का हैं। इस मॉड्यूल में संतुलित आहार- सही चुनें, सही खाएं, जंक फूड और फूड लेबल पढऩा सिखाना, शारीरिक गतिविधि का महत्व, स्क्रीन टाइम आदि के बारे में बताया जाएगा। 0 बच्चों को पैकड फूड लेबल पढऩा आना चाहिए : डॉ. प्रशांत कारिया के मुताबिक, जंक फूड में चीनी, नमक और वसा की मात्रा अधिक होती है और आजकल बच्चाें में मधुमेह, बी.पी., हृदय रोग और कैंसर जैसी बीमारियां अधिक देखने को मिलती है। जंक फूड भी इसके लिए जिम्मेदार है। बच्चों को सभी पैकड फूड लेबल को पढऩा और याद रखना चाहिए। चीनी अधिकतम 25 ग्राम, नमक 5 ग्राम (सोडियम- 2 ग्राम) ही लेना चाहिए। आमतौर पर मिलने वाले खाने के पैकेट पर नजर डालें तो उनमें चीनी, नमक और वसा अधिक होता है, जो खाने को स्वादिष्ट तो बनाता है, लेकिन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। बच्चों को फिजिकल एक्टिविटी के साथ रोजाना कम से कम 60 मिनट व्यायाम करना चाहिए। पसीना आना, हृदय गति तेज होना आदि में ऐसे व्यायाम से लाभ होता है। चलना, दौडऩा, तैरना, खेल खेलना, साइकिल चलाना जैसा कुछ भी कर सकते हैं। हर 45 मिनट के बाद अपने शरीर को थोड़ा स्ट्रेच करना चाहिए।
मोबाइल स्क्रीन टाइम तय करें

डॉ. प्रशांत ने बताते हैँ कि बच्चों के लिए मोबाइल स्क्रीन टाइम तय होना चाहिए। स्कूली बच्चे मनोरंजन के लिए किसी भी स्क्रीन का अधिकतम 2 घंटे का उपयोग कर सकते हैं। बच्चे घर में स्क्रीन फ्री जोन बना सकते हैं या स्क्रीन फ्री टाइम तय करें। सुबह उठने के बाद और रात को सोने से एक घंटा पहले मोबाइल या स्क्रीन का इस्तेमाल न करें। स्क्रीन से निकलने वाली तरंगें शरीर में मेलाटोनिन स्राव को कम कर देती हैं और इससे ठीक से नींद नहीं आती है।
से- नो टू ड्रग्स

चिकित्सकों ने बताया कि 1.5 करोड़ से अधिक युवा (10-25 वर्ष की आयु) किसी न किसी लत के शिकार हैं। इसमें सिगरेट, ई-सिगरेट, तंबाकू, शराब और अन्य नशीले पदार्थ शामिल हैं। स्कूल या खेलने के दौरान बच्चों को उनका दोस्त ड्रग्स या सिगरेट लेने के लिए कहता है, तो उसे “नहीं” कहना चाहिए। वे ना कहना या गलत बात को टालना सीखें।

Hindi News / Surat / बच्चों को जंक फूड से दूर रखने को बनाया प्रेसिडेंशियल एक्शन प्लान

ट्रेंडिंग वीडियो