पंचायती राज दिवस का महत्व इसलिए
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस का महत्व इसलिए है क्योंकि यह स्थानीय स्वशासन और जमीनी स्तर पर लोकतंत्र के महत्व को उजागर करता है। पंचायती राज संस्थाएं सरकारी योजनाओं के क्रिर्यान्वयन में अहम भूमिका निभाती हैं। ये हाशिए पर रहने वाले वर्गों की भागीदारी को भी सुनिश्चित करती हैं। ऐसे में महिला जनप्रतिनिधियों को अपनी आवाज सशक्त करनी ही होगी।फैक्ट फाइल
-2.63 लाख पंचायती राज संस्थाएं, सभी तीन स्तरों में।-32.29 लाख कुल निर्वाचित प्रतिनिधि
-15.03 लाख कुल महिला जनप्रतिनिधि
-46.6 प्रतिशत निर्वाचित महिला प्रतिनिधि
इसीलिए मनाया जाता है 24 अप्रेल को
भारत में पंचायती राज व्यवस्था की देखरेख के लिए 27 मई 2004 को अलग पंचायती राज मंत्रालय बनाया गया। भारत में हर साल 24 अप्रेल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का कारण 73 वां संविधान संशोधन अधिनियम 1992 है जो 24 अप्रेल 1993 से लागू किया गया था। नागौर के लिखमाराम चौधरी देश के पहले जिला प्रमुख चुने गए।सबसे पहले राजस्थान
राजस्थान देश का पहला राज्य था, जहां पंचायती राज व्यवस्था को लागू किया गया। इसके बाद इसे आंध्रप्रदेश में लागू किया गया।राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार
हर साल राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। ग्राम पंचायतों, ब्लॉक पंचायतों या जिला परिषदों की ओर से किए गए प्रभावशाली और अभिनव प्रयासों को मान्यता देने के लिए प्रदान किया जाता है।ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को मिले गति
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले जनप्रतिनिधियों को सम्मानित किया जाएगा। ग्राम पंचायत,पंचायत समिति और जिला स्तर पर ग्रामीण विकास योजनाओं का लाभ आम लोगों तक पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है ताकि ग्रामीण विकास को गति मिल सके।-हरिराम चौहान, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी (एसीइओ), जिला परिषद, श्रीगंगानगर।