
कनहर नदी में अवैध खनन से बन गए है बड़े बड़े गड्ढे
जानकारी के अनुसार कोरगी गांव निवासी 60 वर्षीय भोला चेरो गांव के एक सहयोगी नन्दलाल के साथ गुरुवार की रात्रि कनहर नदी के तट पर मछली पकड़ने गया था। इसके लिए उन्होंने पानी मे जाल लगाया और जब बड़ी मछली फंसने की आहट महसूस कर जाल खिंचा तो जाल नही निकला। इस पर भोला नदी के पानी मे उतर गये। नदी में पानी की गहराई का अंदाजा नहीं मिला और भोला डूबने लगे। जब काफी देर तक वे बाहर नही निकले तो नदी के तट पर बैठे भोला के मित्र नन्दलाल ने परिजनों को इसकी सूचना दी।

कनहर नदी में डूबने से हुई भोला चेरो की मौत
रात में ही ग्रामीण मौके पर पहुंचे और भोला की खोजबीन शुरू कर दी। कनहर नदी में मानक से अधिक खनन कर नदी में जगह जगह बने गहरे तालाब होने से लोगो को खोजबीन में काफी दिक्कत होने लगी। पूरी रात ग्रामीणों ने खोजबीन की लेकिन भोला चेरो का अता पता नही चला। सुबह गांव में यह खबर फैली तो सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण खोजबीन में जगह जगह लग गए। दर्जनों ग्रामीण पानी मे उतरकर गहरे पानी मे ढूंढने लगे। शुक्रवार की सुबह 10 बजे ग्रामीणों ने भोला चेरो का शव पानी से निकाला। उधर शव निकलते ही परिजन दहाड़े मार कर रोने लगे |

पत्नी ने कनहर नदी में मानक के विपरीत अवैध खनन कर गड्ढे बनाने का लगाया आरोप
भोला की पत्नी राजकुमारी ने बताया कि गुरुवार की रात 10 बजे भोला मछली मारने नदी में आये थे। लेकिन उन्हें यहां जेसीबी से खनन किये गढ्ढ़े का अंदाजा नही मिल सका और वो नदी में डूब गए |मौके पर पहुंची पुलिस नशव का पंचनामा कर अग्रिम कार्रवाई में जुट गई है| उधर बालू साइट पर सैकड़ो ग्रामीणों घंटो तपती रेत और धूप में परेशान रहें|