अधिकतम 5 साल तक ले सकती लाभ
योजना के अंतर्गत कामकाजी महिलाएं 3 साल तक निवास की सुविधा प्राप्त कर सकती हैं। यदि कोई महिला अच्छा व्यवहार रखती है, तो इसे 1-1 वर्ष की वृद्धि समिति की अभिशंषा पर जिला कलक्टर की सहमति पर अधिकतम दो वर्ष तक की जा सकेगी। अधिकतम 5 साल तक वे इस सुविधा का लाभ ले सकती है। योजना का मुय उद्देश्य कामकाजी महिलाओं के लिए सुरक्षित आवास की सुविधा उपलब्ध कराना है। ताकि वे कार्यस्थल पर और समाज में सशक्त बन सके। साथ ही आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो सके। निवास में रहते हुए महिला का वेतन 50 हजार रुपए से अधिक होने की स्थिति में 6 माह के अंदर निवास खाली करना होगा।यह होंगी शर्तें
- महिला का कार्यस्थल नगर पालिका, नगर निगम या नगर परिषद क्षेत्र में होना चाहिए।
- महिला का स्वयं या पति, माता-पिता का आवास नहीं होना चाहिए।
- महिला का मासिक वेतन 50 हजार रुपए से कम होना चाहिए।
- महिला की उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- वंचित वर्ग की महिला जैसे विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा एवं शारीरिक रूप से अक्षम महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
यह देने होंगे दस्तावेज
- आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड एवं राशन कार्ड
- कार्यस्थल का आइडी कार्ड और नियोक्ता की ओर से प्रमाण पत्र।
- वेतन स्लिप या स्वयं के व्यवसाय का आय घोषणा पत्र
पात्रता और मापदंड
कामकाजी महिला निवास योजना में उन महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। जो किसी सरकारी, गैर सरकारी या निजी संस्थान में काम करती है। इसके अलावा अल्प आय वर्ग की महिलाएं, जो स्वयं का व्यवसाय करती हैं, वे भी इस योजना के अंतर्गत पात्र होंगी।इस तरह से करना होगा आवदेन
इस योजना के अंतर्गत संचालित निवास प्रवेश लेने के लिए महिला को संबंधित कामकाजी निवास के प्रबंधक को निर्धारित आवेदन प्रपत्र एवं दस्तावेज के साथ सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत करना होगा। साथ ही निवास में कामकाजी महिलाओं को प्रबंधक द्वारा प्रवेश देकर सूचना जिला अधिकारी को देनी होगी। कामकाजी निवास योजना संचालनकर्ता संस्था द्वारा प्रवेशित महिलाओं एवं निवास छोडऩे वाली महिलाओं की सूचना 15 दिवस में जिला अधिकारी को लिखित में भिजवाना अनिवार्य है।इन्होंने कहा
बजट घोषणा वित्तीय वर्ष 2024-25 में सिरोही में कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए घोषणा की गई थी। सिरोही शहर के हाउसिंग बोर्ड में यह छात्रावास बना हुआ है। इसे शीघ्र ही शुरू किया जाएगा।– राजेन्द्र कुमार पुरोहित, उप निदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग सिरोही