Khatu Shyam Ji Mela : एकादशी का मुख्य मेला आज, खाटू में बाबा श्याम 125 किलो चांदी के भव्य रथ पर बैठ नगर भ्रमण पर निकले
Khatu Shyam Ji Mela : बाबा श्याम की खाटू नगरी में खाटूश्यामजी बाबा का एकादशी का आज मुख्य मेला है। आज बाबा श्याम 125 किलो चांदी से बने भव्य रथ में नगर भ्रमण पर निकले हैं। भक्त उनके दर्शन को व्याकुल हैं। सीकर के खाटू गांव में चल रहे लक्खी मेले का आज 11वां दिन है।
Khatu Shyam Ji Mela : बाबा श्याम की खाटू नगरी में खाटूश्यामजी बाबा का एकादशी का मुख्य मेला आज सोमवार यानि 10 मार्च पूरे धूमधाम से शुरू हो गया है। बाबा श्याम 125 किलो चांदी से बने भव्य रथ में नगर भ्रमण पर निकले हैं। चांदी से बने इस विशेष नए रथ की कीमत करीब डेढ़ करोड़ रुपए है। भक्तों की भीड़ बाबा के दर्शन को व्याकुल है। जहां-जहां यह शोभा यात्रा निकाल रही है, भक्त रथ को छूने की कोशिश कर बाबा आशीर्वाद लेना चाहते हैं। जिस वजह से भीड़ अनियंत्रित हो जा रही है। पुलिस ने इस पर नियंत्रित करने की पूरी कोशिश कर रही है।
बाबा श्याम की खाटू नगरी में एकादशी से पहले रविवार को श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा। अवकाश के दिन देशभर से लोग बाबा श्याम के दर्शनों के लिए मेले में पहुंचे। रींगस से खाटूश्यामजी तक का 17 किमी का पूरा मार्ग दिनभर पदयात्रियों से अटा रहा, जहां हाथ में निशान लेकर श्रद्धालु नाचते-गाते, दंडवत और पेटपलायन होते हुए बाबा के दरबार की तरफ बढ़ते रहे। जयपुर रोड पर भी रींगस और मंढा मोड़ पर दिनभर जाम लगा रहा। खाटूश्यामजी पहुंचने के बाद भी श्रद्धालुओं को दर्शनों में चार से पांच घंटे का समय लगा। रविवार को पांच लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा श्याम के दर्शन किए।
125 किलो चांदी से बना विशेष रथ
बाबा श्याम के नगर भ्रमण के लिए 125 किलो चांदी से बना विशेष रथ तैयार किया गया है। इस दौरान बाबा श्याम मंदिर से रवाना होकर शनि मंदिर, अस्पताल चौराहा व पुराना बस स्टैंड होते हुए कबूतर चौक पहुंचेंगे।
पैदल, साइकिल व रथ से पहुंचे भक्त
भक्त अलग-अलग रंगों के निशान के साथ खाटू पहुंचे। कोई दुपट्टा तो कोई श्याम का नाम लिखा कुर्ता पहनकर मेले में पहुंचा। ज्यादातर श्रद्धालु वाहनों से पैदल तो कई भक्त तो साइकिल से श्याम के दरबार में पहुंचे।
मेले में रोडवेज डिपो की व्यवस्था बिगड़ी हुई दिखी। यहां कर्मचारियों के लिए टैंट की व्यवस्था की गई, लेकिन यात्रियों के बैठने व छाया का प्रबंध नाकाफी था। हालात ये रहे कि धूप में पैदल चलने के बाद श्रद्धालु छाया की तलाश में बसों की ओट में बैठे दिखे।