इसलिए और बढ़ेगा दायरा: उम्मीदों और मजबूरी का गणित
शहरी सीमा के विस्तार से पहले नगर निगम के हिसाब से कवायद की गई थी। मंगलवार को शहरी सीमा का दायरा बढ़ाने के बाद भी नगर निगम बनाने की राह में कुछ चुनौती है। ऐसे में स्वायत्त शासन विभाग की ओर से कुडली का सपूर्ण क्षेत्र, घोराणा, भादवासी, पालवास व बलरामपुरा को शामिल किए जाने की संभावना है। दूसरा पक्ष यह है कि इन गांवों के आस-पड़ौस के क्षेत्र को शहरी सीमा में शामिल कर लिया है। ऐसे में तकनीकी आधार पर इन क्षेत्रों को शहरी सीमा में शामिल करना अब विभाग की मजबूरी भी है। ग्रामीण बोले: ज्यादा टैक्स देने पड़ेंगे
शहरी सीमा का आबादी विस्तार होेने के साथ ही विरोध भी आने लग गया है। शहरी सीमा में शामिल ग्राम पंचायत के लोगों ने बताया कि शहरी क्षेत्र के मुकाबले ग्राम पंचायतों को काफी अधिक बजट मिलता है। लेकिन शहरी सीमा में शामिल होने पर भवन निर्माण स्वीकृति, सफाई सहित अन्य तरह के टैक्स देने पड़ेंगे। इसको लेकर ग्रामीणों ने जल्द आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है।
खर्रा: नए क्षेत्र जोड़ने के बाद करेेंगे चर्चा
सीकर नगर परिषद सीमा का दायरा बढ़ाने के आदेश जारी हो चुके है। दोबारा रिव्यू किया है तो कुछ ग्राम पंचायत के क्षेत्र को और शामिल कराया जा रहा है। जल्द ही सीकर नगर परिषद क्षेत्र का दायरा बढ़ाने के संशोधित आदेश भी जारी होंगे। इसके बाद नगर निगम को लेकर कवायद की जाएगी। झूठी घोषणा करना मेरी फितरत में नहीं है। झाबर सिंह खर्रा, यूडीएच मंत्री कांग्रेस की बैठक कल, तैयार होगी विरोध की रणनीति
नगर निकायों की सीमावृद्धि व वार्डो के परिसीमन के मामले में अब कांग्रेस ने विरोध की रणनीति तैयार करने के लिए शुक्रवार को बैठक बुलाई है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुनिता गिठाला ने बताया कि भाजपा सरकार की ओर से जनभावना के विपरीत व नियम विरुद्ध तरीके से चुनावी फायदे लेने के लिए शहरी क्षेत्रों का दायरा बढ़ाया जा रहा है। इसको लेकर कई ग्राम पंचायत विरोध में भी है। सीकर जिले की जनता इस तरह के गलत फैसलों को सहन नहीं करेगी। उन्होंने बताया कि इस मामले में शुक्रवार सुबह 11 बजे जिला कार्यालय में कार्यकर्ताओं की बैठक होगी। इसके बाद प्रस्ताव प्रदेश कांगेस कमेटी को भिजवाए जाएंगे।
कांग्रेस: लोगों में हो रहा विरोध, कोई सुनने वाला नहीं: कांग्रेस
भाजपा सरकार ने बिना सोचे समझे शहरी का आबादी विस्तार किया है। नगर परिषद के मौजूदा संसाधनों के हिसाब से शहर में स्ट्रीट लाइट, सफाई, सड़क, नाली व ड्रेनेज, पार्क आदि की व्यवस्था संभावना ही चुनौती बना है। शहरी सीमा का विस्तार होने से भविष्य में और चुनौती बढ़नी है। लोगों में विरोध है लेकिन सरकार में कोई सुनने वाला नहीं है। जीवण खां, निवर्तमान सभापति, सीकर नगर परिषद