खनियांधाना निवासी गुलाब पाल और नरवर के चकरामपुर निवासी मुलायम सिंह की बेटियों की शादी 29 अप्रेल को है। दोनों ने जनसुनवाई में बताया कि सहकारी बैंक में 1 हजार रुपए के भी लाले पड़ रहे हैं। हम खुद के जमा पैसे लेने जाते हैं तो प्रबंधन महज एक हजार रुपए देता है वह भी सात दिन में एक बार। ऐसे में हम अपनी बेटियों की शादी कैसे कर पाएंगे! इनमें से एक उपभोक्ता के सहकारी बैंक में 3 लाख रुपए और दूसरे के 2 लाख रुपए जमा है।
खनियांधाना निवासी गुलाब पाल ने बताया कि बेटी शिवानी की शादी 29 अप्रेल को है। जैसे-जैसे शादी की तारीख पास आ रही है, वैसे-वैसे इसके लिए खर्च की चिंता सता रही है। सहकारी बैंक में पैसे जमा हैं और यह पैसे शादी से पहले नहीं मिले तो बेटी की शादी ठीक से नहीं कर पाएंगे। अभी कुछ दिन पहले सुना था कि बैंक को 50 करोड़ रुपए मिले हैं। अब तो बैंक हमारा पूरा भुगतान एक बार में कर सकती है।
बैंक में जमा राशि दिलाए जाने की गुहार लगाई
दूसरे मामले में नरवर के चकरामपुर निवासी मुलायम सिंह ने भी यही पीड़ा बताई। उनकी बेटी पूजा की शादी भी 29 अप्रेल की है। मुलायमसिंह बताते हैं कि बैंक खाते में रुपए जमा हैं, लेकिन बेटी की शादी के लिए बैंक से पैसे नहीं मिल रहे हैं। बेटियों की शादी के लिए चिंतित दोनों पिताओं ने कलेक्टर से बैंक में जमा राशि दिलाए जाने की गुहार लगाई है। जनसुनवाई में दोनों उपभोक्ताओं को इसके लिए जरूरी कदम उठाने के लिए आश्वस्त किया गया।
बैंकों की आर्थिक दुरावस्था का मुद्दा राज्यसभा में भी उठ चुका
बता दें कि प्रदेश में सहकारी बैंकों की आर्थिक दुरावस्था का मुद्दा राज्यसभा में भी उठ चुका है। सहकारिता के बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने यह मामला उठाया था। उन्होंने कहा था कि मध्यप्रदेश की 4536 प्राथमिक सहकारी समितियों में से 3800 यानि करीब 80 प्रतिशत भारी घाटे में हैं। ये ओवरड्यू हो चुकी हैं। एमपी के 38 जिला सहकारी बैंकों में से 13 बैंकों की हालत तो ऐसी दयनीय है कि वे 2 हजार रुपए भी नहीं दे सकते।