ज्ञापन देने आए युवा देवराज वर्मा, मधुसुदन पटेल, नीरज वर्मा, शुभम वर्मा, नयन, निखिल और लवीश ने बताया कि हम सभी सेना में जाने के लिए तैयारी करते हैं। गांव में मैदान नहीं होने के कारण सडक़ों पर दौडऩा पड़ता है, जिससे हादसों का डर रहता है। गांव से 10 किलोमीटर दूर सीहोर में तैयारी करने और खेल खेलने आना पड़ता है।