इन संस्थाओं में से कुछ का पांच साल का कार्यकाल पूर्ण होने के बाद भी चुनावों को स्थगित कर प्रशासक नियुक्त किए गए हैं। पूर्व में 2011 की जनगणना के आधार पर 2019-20 में निकायों का परिसीमन किया जा चुका है और भारत सरकार की ओर से 2021 में जनगणना नहीं कराई गई है। ऐसे में नियमानुसार जनगणना के आधार पर ही परिसीमन किया जा सकता है।
वहीं, सरकार की ओर से परिसीमन के नियमों में स्वविवेक से 15 प्रतिशत जनगणना बढ़ाने या फिर घटाने की स्वविवेकीय शक्तियां प्रदान की गई है। लोगों ने इन शक्तियों का भी दुरुपयोग करने के आरोप लगाकर परिसीमन को रोकने की मांग की है। इस दौरान सियाराम, हनुमान, बीरबल, शंभू आदि मौजूद थे।
जबकि नगर निकाय चुनाव को लेकर यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा कह चुके है कि मई तक नगर निकाय पुनर्गठन का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। जिसके बाद मतदाता सूची पर काम शुरू होगा। उन्होंने आगे कहा कि अगस्त-सितंबर तक मतदाता सूची का काम समाप्त कर लिया जाएगा और नवंबर तक राज्य स्तर पर ‘एक राज्य, एक चुनाव’ के तहत सभी नगर निकाय चुनाव संपन्न करवा दिए जाएंगे।