sidhi: एनआरसी में खाली पड़े बेड, भर्ती नहीं कराए जा रहे कुपोषित बच्चे
जिम्मेदार बेपरवाह, ऐसे में कुपोषण मुक्त कैसे होगा जिला -जिले में एक हजार से अधिक अति कुपोषित बच्चे


sidhi: Beds lying vacant in NRC, malnourished children are not being a
सीधी। अतिकुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए सरकार द्वारा जिला मुख्यालय सहित विकासखंड स्तर पर एनआरसी (पोषण पुनर्वास केंद्र) खोले जाकर वहां के स्टाफ व अन्य व्यवस्थाओं में लाखों रुपये प्रति माह खर्च किये जा रहे हैं। लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते पोषण पुनर्वास केंद्रों में अति कुपोषित बच्चे भर्ती नहीं हो पा रहे हैं। जिला मुख्यालय में 20 बेड तथा विकासखंड मुख्यालयों में 15 बेड के एनआरसी संचालित किये जा रहे हैं। शासन स्तर से कुपोषित बच्चों को भर्ती किये जाने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही से बच्चे भर्ती नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में जिला कुपोषण मुक्त कैसे हो पायेगा यह एक बड़ा सवाल है।
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रहने, खाने की व्यवस्था के साथ प्रतिदिन 120 रुपये का भत्ता-
अतिकुपोषित बच्चे को लेकर पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती होने वाली मां को रहने, खाने की नि:शुल्क सुविधा के साथ ही शासन द्वारा 120 रुपये प्रति दिवस के मान से भत्ता दिये जाने का भी प्रावधान है। कुपोषित बच्चे को कम से कम 10 दिन केंद्र में लेकर रहना होता है, यदि इसके बाद भी स्वास्थ्य में सुधार नहीं होता तो अधिकतम 14 दिवस तक रखे जाने का प्रावधान है। इसके बावजूद जानकारी के अभाव में अतिकुपोषित बच्चे पोषण पुनर्वास केंद्र नहीं पहुंच पा रहे हैं।
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विकासखंडवार कम वजन एवं अति कम वजन के बच्चों की स्थिति-
विकासखंड – सामान्य बच्चे – कम वजन – अति कम वजन
सीधी – 31560 – 4480 – 610
सिहावल – 29960 – 1180 – 223
कुसमी – 8560 – 930 – 128
रामपुर नैकिन – 22980 – 2480 – 168
मझौली – 15130 – 1380 – 132
कुल – 108190 – 10450 – 1261
नोट: आंकड़े महिला बाल विकास विभाग के अनुसार।
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पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती बच्चों की जानकारी-
केंद्र – स्वीकृत बेड – वार्षिक लक्ष्य – माह अप्रेल से मई तक भर्ती
जिला अस्पताल – 20 – 480 – 29
मझौली – 10 – 240 – 14
कुसमी – 10 – 240 – 25
सिहावल – 10 – 240 – 08
रामपुर नैकिन – 10 – 240 – 13
चुरहट – 10 – 240 – 12
सेमरिया – 10 – 240 – 08
कुल – 80 – 1920 – 109
नोट- आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग के अनुसार।
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मैदानी अमले को दिये जाएंगे निर्देश-
अति कुपोषित बच्चों के अभिभावकों से संपर्क स्थापित कर उन्हें एनआरसी केंद्र में भर्ती कराने के लिए प्रेरित करने हेतु मैदानी अमले को निर्देशित किया जाएगा।
आरसी त्रिपाठी, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास
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