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संभल में एक और दरगाह पर गहराया विवाद, जनेटा दरगाह पर इस बार नहीं लगेगा मेला

उत्तर प्रदेश के चंदौसी तहसील क्षेत्र के गांव जनेटा स्थित ऐतिहासिक दरगाह शरीफ को लेकर जमीन विवाद गहराता जा रहा है। दरगाह पर अवैध कब्जे और मेला लगाकर अवैध वसूली के गंभीर आरोप सामने आए हैं।

सम्भलApr 13, 2025 / 02:19 pm

Prateek Pandey

sambhal janeta dargah sharif
संभल की इस दरगाह के मुतवल्ली डॉ. सैयद शाहिद मियां ने इसे वक्फ संपत्ति बताते हुए प्रशासन को दस्तावेज सौंपे हैं, जबकि कुछ ग्रामीण इसे सरकारी जमीन बता रहे हैं। यह दरगाह ‘आस्ताना आलिया कादरिया नौशहिया’ के नाम से जानी जाती है।

दरगाह पर लगने वाला मेला स्थगित

संभल की इस दरगाह पर हर साल चार दिनी मेला आयोजित होता है जिसमें स्थानीय और बाहर से आए दुकानदार भाग लेते हैं। हालांकि इस बार मेले के आयोजन से कुछ दिन पहले विवाद खड़ा हो गया जिसके चलते प्रशासन ने धारा 63 के तहत मेला लगाने की अनुमति नहीं दी और आयोजन को स्थगित करना पड़ा।

मुतवल्ली पर अवैध वसूली का आरोप

तीन दिन पहले संभल जिलाधिकारी से शिकायत कर मुतवल्ली डॉ. सैयद शाहिद मियां पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने फर्जी तरीके से खुद को मुतवल्ली घोषित कर लिया है और दरगाह की जमीन पर कब्जा कर मेले के नाम पर अवैध वसूली कर रहे हैं। इस शिकायत के बाद तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह ने दरगाह का स्थलीय निरीक्षण किया और मुतवल्ली से जमीन संबंधी कागजात मांगे।
शनिवार को डॉ. सैयद शाहिद मियां ने तहसील प्रशासन को दस्तावेज सौंपे, जिसमें दरगाह की जमीन को वक्फ संपत्ति बताया गया है। हालांकि तहसील प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि प्रथम दृष्टया दस्तावेजों में वक्फ संपत्ति की पुष्टि नहीं हो पाई है। अब दस्तावेजों की जांच की जा रही है, और अगर यह जमीन सरकारी निकली, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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यह मामला वक्फ अधिनियम के संशोधन के बाद जिले का पहला प्रमुख मामला माना जा रहा है, जिसने प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। कुछ ग्रामीणों का आरोप है कि दरगाह की जमीन पर वर्षों से सरकारी रिकॉर्ड के खिलाफ कब्जा कर मेले के माध्यम से अवैध वसूली की जाती रही है।

जमीन सरकारी निकली तो हटेगा कब्जा

संभल प्रशासन फिलहाल दस्तावेजों की गहन जांच में जुटा है। यदि जमीन सरकारी निकली तो न सिर्फ कब्जा हटाया जाएगा, बल्कि अवैध वसूली और गलत तरीके से मुतवल्ली घोषित होने के आरोप में भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, दरगाह समिति का कहना है कि उनके पास सभी वैध कागजात हैं और यह संपत्ति वर्षों से वक्फ बोर्ड की देखरेख में रही है।

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