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मध्य प्रदेश में तैयार हो रहे नकली डॉक्टर, बाल आयोग की शिकायत में बड़ा खुलासा

Fake Doctors in MP: दमोह के मिशन अस्पताल में फर्जी डॉक्टर के बाद अब बाल आयोग की टीम ने सागर में संचालित एक ऐसे संस्थान पर दबिश दी, जहां डॉक्टर तैयार किए जाते थे

सागरApr 12, 2025 / 07:27 am

Sanjana Kumar

Fake Doctor in MP

Fake Doctor in MP

Fake Doctors in MP: चिकित्सा क्षेत्र में फर्जीवाड़े को लेकर प्रदेश में एक के बाद एक सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। दमोह के मिशन अस्पताल में फर्जी डॉक्टर के बाद अब बाल आयोग की टीम ने सागर में संचालित एक ऐसे संस्थान पर दबिश दी, जहां डॉक्टर तैयार किए जाते थे। गांव के बेरोजगार युवाओं को खुद की क्लीनिक खोलने का सपना दिखाकर यहां मोटी रकम वसूलकर फर्जी सर्टिफिकेट थमा दिए जाते थे।

बाल आयोग की शिकायत में बड़ा खुलासा

इसका खुलासा बाल आयोग को मिली शिकायत से हुआ। कुछ लोगों ने शिकायत में आरोप लगाए थे कि कालीचरण चौराहे पर एलआइसी बिल्डिंग में संचालित राधारमण इंस्टीट्यूट में कौशल विकास के नाम पर फर्जी डॉक्टर तैयार किए जा रहे हैं। मामले पर तुरंत एक्टिव हुए आयोग ने शुक्रवार को जिला प्रशासनिक के साथ मिलकर संयुक्त रूप से दबिश दी। सेंटर से कई युवाओं के रेकॉर्ड भी बरामद किए, जिन्हें तगड़ी नकली सर्टिफिकेट जारी किए गए थे।

यहां नकली डॉक्टरों को प्रशिक्षित करने का गोरखधंधा

राधा रमण इंस्टीट्यूट पीएम कौशल विकास केंद्र के नाम 10 साल पहले शुरू हुआ, जोकि दो साल बाद ही बंद हो गया। इसके बाद यहां नकली डॉक्टरों को प्रशिक्षित करने का गोरखधंधा शुरू कर दिया गया। प्रारंभिक जांच में इसके किसी भी यूनिवर्सिटी से संबद्धता नहीं मिली। इसका संचालक मोती नगर थाना क्षेत्र निवासी सुनील नेमा कॉल सेंटर से बेरोजगार युवाओं से संपर्क कर झांसा देकर फंसाता था। जांच के दौरान वहां 12 युवतियां मिलीं, जो कॉल सेंटर में काम करती थीं। संचालक सुनील नेमा सूचना के बाद भी नहीं पहुंचा।

ऐसे फंसाते थे युवाओं को

● ग्रामीण क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं को कॉल सेंटर से फोन कर डॉक्टर बनाने का झांसा देते थे।

● एक सर्टिफिकेट की कीमत 32 से 45 हजार रुपए तक थी, जिसमें क्लीनिक संचालन से पैरामेडिकल कोर्स भी कराते।
● टारगेट में 10-12वीं पास युवा थे, जोकि डॉक्टर बनना चाहते थे। उन्हें झांसा दे तगड़ी रकम वसूलते।

संस्थान में मिलीं, शराब की बोतलें, रुपए गिनने वाली मशीन

संस्थान पर शराब की बोतलें, रुपए गिनने वाली मशीन मिलीं। 8-10 साल में यहां से सैकड़ों फर्जी सर्टिफिकेट बांटे गए। ये फर्जी डॉक्टर गांवों में इलाज करते होंगे। कार्रवाई के लिए कलेक्टर को निर्देश दिए हैं।

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