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पुस्तक मेला : अभिभावकों की मांग के अनुसार नहीं दे रहे पुस्तकें, सेट खरीदने का बना रहे दबाव

कम दामों में पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए स्वीडिश मिशन स्कूल में दूसरी बार आयोजित पुस्तक मेले में मंगलवार को भी अभिभावक परेशान रहे। दो दिनों में यहां पुस्तक, कॉपी और गणवेश खरीदने के लिए 300 ही अभिभावक पहुंचें, लेकिन 150 से अधिक अभिभावकों ने कुछ खरीदा ही नहीं।

सागरApr 09, 2025 / 09:03 pm

रेशु जैन

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करीब 10 से अधिक स्टेशनरी संचालक केवल कॉपी व स्टेशनरी का सामान लेकर पहुंचे, यूनिफार्म एक ही दुकान लगी

सागर . कम दामों में पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए स्वीडिश मिशन स्कूल में दूसरी बार आयोजित पुस्तक मेले में मंगलवार को भी अभिभावक परेशान रहे। दो दिनों में यहां पुस्तक, कॉपी और गणवेश खरीदने के लिए 300 ही अभिभावक पहुंचें, लेकिन 150 से अधिक अभिभावकों ने कुछ खरीदा ही नहीं। मेले में करीब 10 से अधिक दुकानदार केवल कॉपी और स्टेशनरी का सामान लेकर पहुंचे हैं। इनके काउंटर पर पुस्तकें नहीं मिल रही हैं, वहीं यूनिफार्म के लिए केवल एक दुकान लगी है। मेले में काउंटर अभिभावकों को अपनी मांग के अनुसार एक या दो पुस्तकें नहीं मिल रही है। सेट खरीदने पर ही पुस्तकें दी जा रही हैं। अभिभावकों ने पत्रिका को बताया कि जिला प्रशासन के दूसरी बार मेला आयोजित करने के बावजूद कोई सुधार नहीं किया। मेले में पुस्तकों के दाम कम नहीं किए गए।
गरीब बच्चों के लिए मुफ्त किताबें मिलें

मेले में अभिभावकों ने बताया कि जबलपुर, दमोह सहित कई अन्य जिलों में जिला प्रशासन की तरफ से गरीब बच्चों को मुफ्त पुस्तक देने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। पुरानी पुस्तकों का बुक बैंक तैयार करने के बाद गरीब बच्चों को नि:शुल्क पुस्तकें दी जा रही है। ऐसी व्यवस्था सागर में भी होनी चाहिए। ऐसे मेले से अभिभावकों को कोई राहत नहीं मिल रही है।नहीं बढ़ाई गई छूटपुस्तक खरीदने के लिए पहुंची सोना कुशवाहा ने बताया कि मेले में पहले की तरह किताबें 5 फीसदी छूट पर दी जा रही हैं। स्टेशनरी संचालकों ने यहां आकर दुकानें लगा ली हैं, इससे उनका ही फायदा हो रहा है। अभिभावकों को कोई राहत नहीं दी जा रही है। मेले में केवल कॉपी व स्टेशनरी का सामान दिया जा रहा है।
दो पुस्तकें नहीं

छात्र सर्वेश आहूजा ने बताया कि उनको केवल दो पुस्तकें चाहिए थीं, लेकिन मेले में दुकानदार पूरा सेट लेने के लिए कह रहे हैं। उन्होंने बताया कि दुकान पर भी एक-दो पुस्तकें नहीं देते हैं, बल्कि पूरा सेट लेने के लिए कहते हैं। आहूजा ने कहा कि अभिभावकों की मांग के अनुसार पुस्तकें मिलनी चाहिए।
दुकानदारों से पुस्तकें लाने कहा

मेले का लगातार हम निरीक्षण कर रहे हैं। अभिभावक की सुविधाओं के लिए सभी दुकानदारों को पुस्तकें लाने के लिए भी निर्देश दिए हैं। यूनिफार्म के दुकानदारों को भी कहा है कि वे मेले में आकर काउंटर लगाएं।
अनिता जैन, सहायक संचालक, स्कूल शिक्षा विभाग

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