कार्यक्रम स्थल पर मुनि निर्दोषसागर महाराज के प्रवचन हुए। उन्होंने बताया कि भगवान महावीर जैन धर्म के 24 वें और अंतिम तीर्थंकर थे, जिनका जन्म वैशाली गणराज्य के क्षत्रिय कुंड (वर्तमान में बिहार में) हुआ था। 12 वर्ष की कठोर तपस्या करके 42 वर्ष की आयु में उन्हें ज्ञान प्राप्त हो गया था। उनका दिव्य संदेश जियो और जीने दो था। उनके पांच मुख्य सिद्धांत अहिंसा, सत्य, अस्तेय, अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य थे। भगवान महावीर स्वामी वर्तमान शासन नायक है। शाम को भजन संध्या हुई, जिसमें कवि विकर्ष शास्त्री जबलपुर और दीक्षा ने कविता पाठ किया।