उनकी मांग थी कि गांव के 100 से ज्यादा वर्ष पुराने कुएं को दंबगों ने बंद कर दिया है, उसे खुलवाया जाए। रात 11 बजे गांव पहुंचे विधायक रविवार तड़के चार बजे इस आश्वासन के बाद गांव से निकल पाए कि कुएं को खुलवाने के लिए सुबह होते ही अधिकारियों को कहा जाएगा। नहीं खुला तो वे आंदोलन करेंगे।
ग्रामीणों ने बताया कि करीब एक सप्ताह पूर्व रात तीन बजे गांव के श्यामलाल व जुझारसिंह ने जेसीबी और ट्रैक्टर की सहायता से कुएं को बंद कर दिया। जब ग्रामीणों ने कुआं बंद करने वालों से बात की तो कहा, एसडीएम मनीषा वास्कले के आदेश से ऐसा किया गया है। ग्रामीणों ने एसडीएम से बात की तो उन्होंने इस प्रकार के आदेश देने की बात से इनकार कर दिया।
एसडीएम को बताया गया कि इस कुएं से मवेशियों को पानी दिया जाता है। इसके बाद 24 घंटे में कुआं खुलवाने की बात की गई, लेकिन कार्रवाई कुछ नहीं हुई। इस मामले में 17 जून को आवेदन भी दिया गया था।
विधायक चावला ने कहा— जिले में अफसरशाही हावी
रात में ही विधायक ने कुआं बंद करने वाले लोगों से बात की लेकिन उन्होंने विधायक को कह दिया कि हमारी मर्जी से बंद किया है, नहीं खोला जाएगा। इसके बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए। विधायक चावला का कहना है कि जिले में अफसरशाही हावी है। ग्रामीणों ने दो बार इस मामले में आवेदन दिया, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई।