CG News: राजनांदगांव, कवर्धा व खैरागढ़ में लाल आतंक का दायरा घटा, लगातार मुठभेड़ होने से नक्सली पस्त
CG News: नक्सल प्रभावित जिले से बाहर आकर लीगेसी श्रेणी में आ गया है। तीनों जिले को केन्द्र सरकार द्वारा लीगेसी व थर्ड डिस्ट्रिक्ट की श्रेणी में शामिल किया गया है।
CG News: राजनांदगांव जिले में पिछले चार दशक से लाल आतंक से जूझ रहे राजनांदगांव सहित अविभाजित जिले खैरागढ़-छुईखदान-गंडई व कवर्धा अब नक्सल प्रभावित जिले से बाहर आकर लीगेसी श्रेणी में आ गया है। तीनों जिले को केन्द्र सरकार द्वारा लीगेसी व थर्ड डिस्ट्रिक्ट की श्रेणी में शामिल किया गया है। यानी ये वैसे जिले हैं, जो अब नक्सलियों के प्रभाव में नहीं रहे, लेकिन ऐसे जिले में दोबारा नक्सली पनप नहीं सके।
यह भी पढ़ें: CG News: अबूझमाड़ में पहली बार हुई विशेष ग्राम सभा आयोजित, नक्सली फरमान की जगह होने लगी विकास कार्यों की मांग इसके लिए इन जिलों में सुरक्षा के दृष्टिकोण से केन्द्रीय अर्धसैनिकों के प्रतिनियुक्ति पर राज्य सरकार को सहायता करने पर निर्णय लिया गया है। वहीं मोहला-मानपुर व अबागढ़ चौकी जिला नक्सल प्रभावित क्षेत्र है, लेकिन इसके श्रेणी में सुधार हुआ है। इसे डिस्ट्रिक्ट ऑफ कंर्सन की श्रेणी में रखा गया है, ताकि यहां फिर से नक्सली अपने संगठन का विस्तार या संगठन को मजबूत नहीं कर सकें।
केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा लगातार चलाए जा रहे ऑपरेशन के चलते नक्सली पिछले कुछ सालों से बैकफुट पर आ गए थे। यही कारण है कि पिछले कुछ सालों में जिले में नक्सलियों ने कोई बड़ी घटना को अंजाम नहीं दिया। फोर्स के लगातार बढ़ते दबाव के चलते अब राजनांदगांव, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई और कवर्धा जिले को केंद्र सरकार ने नक्सल प्रभावित जिले से हटाकर लीगेसी श्रेणी में शामिल किया है। वहीं मोहला-मानपुर-चौकी जिले को हाई नक्सल इलाके की बजाए एलडब्लूई की श्रेणी में तब्दील कर दिया है।
यहां हुई थी बड़ी घटना अविभाजित राजनांदगांव में सन् 1992 में पहली नक्सल घटना बकरकट्टा में हुई थी। इसके बाद पिछले 35 सालों में नक्सलियों ने मोहला-मानपुर से लेकर कवर्धा जिले तक रेड कॉरिडोर तैयार कर लिया था। 2015 में कवर्धा जिले में नक्सलियों ने अपनी उपस्थिति का अहसास कराया था। इन सालों में नक्सलियों ने न केवल ग्रामीणों की हत्या की, बल्कि सैकड़ों जवान शहीद भी हुए।
वर्ष 2009 में राजनांदगांव जिले में शामिल मोहला-मानपुर के कोरकोट्टी में सबसे बड़ी नक्सल घटना हुई थी। यहां पर नक्सलियों के साथ हुए मुठभेड़ में तात्कालीन एसपी विनोद चौबे सहित 29 जवान शहीद हुए थे। इस घटना से प्रदेश सहित देश में नक्सलियों के खिलाफ अभियान में तेजी आई। इसके बाद केन्द्रीय सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ा कर राज्य व केन्द्र सरकार ने नक्सलियों के खिलाफ अभियान छेड़ा।
राजनांदगांव, खैरागढ़ व मोहला मानपुर तीनों जिलों में नक्सली संगठन दर्रेकसा दलम प्लाटून नंबर 1, मलाजखंड एरिया कमेटी व ताड़ा दलम एरिया कमेटी की लंबे समय से सक्रियता रही। नक्सली गढ़चिरौली, गोंदिया, शेरपार, गातापार, कवर्धा और बालाघाट क्षेत्र में आवाजाही कर नुकसान पहुंचाते थे।
अलग से फंड जारी नहीं होगा तीनों जिला राजनांदगांव, खैरागढ़ व कवर्धा अब लीगसी श्रेणी में शामिल होने से अलग से फंड जारी नहीं होगा। तीनों जिले में सुरक्षा के लिए व थाना व चौकी बनाने और विकास कार्यों के लिए राशि मिलती रहेगी। वहीं मोहला-मानपुर जिले की श्रेणी में सुधार होने से राशि में कटौती हो जाएगी। पहले इस जिले को एससीए के तहत 30 करोड़ रुपए केन्द्र सरकार से जारी होता था। अब जिले को 10 करोड़ रुपए ही सालाना जारी होगा।
Hindi News / Rajnandgaon / CG News: राजनांदगांव, कवर्धा व खैरागढ़ में लाल आतंक का दायरा घटा, लगातार मुठभेड़ होने से नक्सली पस्त