दरअसल, फोटोग्राफर पुरुषोत्तम चंद्रावत ने पत्रिका को बताया कि हम कड़िया गांव में शादी में वीडियो और फोटोग्राफी करने गए थे। हमने खुद को फोटोग्राफर बताया और कहा कि यदि हमसे कोई दिक्कत हो तो हम लौट जाएं, लेकिन पुलिस ने नहीं सुनीं और मारपीट शुरू कर दी। एसआई रमेश जाट ने लात मारी, हमारे कैमरे गिरा दिए और जान से मारने की धमकी दी। कई थप्पड़ मारे, डंडे से पांव, पीठ और सिर में चोटें आई हैं।
आंख में चोट के निशान आए हैं। हमने पचोर थाने में आवेदन दिया है। पुलिस से एफआइआर की मांग की है। पुलिस अपराधी किस्म के लोगों के अलावा शिक्षित और नौकरी वालों को भी परेशान कर रही है, इससे दहशत के बीच उनकी भी शादियां टूट रही हैं।
युवक के द्वारा मंत्री का मौसेरा भाई बताया गया था। जिस वजह से एसआई आगबबूला हो गए और लाठी-डंडों से पिटाई शुरु कर दी। इसके बाद पीड़ित ने पुलिस के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करानी चाही तो उसमें आनाकानी हुई। सिविल अस्पताल पचोर में रात 11:30 बजे मेडिकल कराया गया। जिसमें आंख और कंधे पर गंभीर चोट के निशान हैं। गुरुवार की शाम तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी।
जानकारी के अनुसार कड़िया गांव में सांसी समुदाय के 97 स्थाई वारंटी और 140 लोगों की अन्य मामलों में गिरतारी होना है। इसके लिए मंगलवार रात से ही 17 थानो से 153 जवानों सहित बोड़ा, पचोर, लीमाचौहान, नरसिंहगढ़, तलेन, करनवास के थाना प्रभारी तैनात हैं।