छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय की सरकार बनने के बाद से नक्सल मोर्चे पर तेजी से काम हुआ है। सरकार ने नई नक्सल पॉलिसी भी जारी की है। 31 मार्च 2026 की डेडलाइन के मद्देनजर सरकार नक्सल मोर्चे पर कमर कसकर मैदान में है। इस वर्ष 2025 के 112 दिनों में ही विभिन्न मुठभेड़ों में छत्तीसगढ़ में 140 से ज्यादा नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है। बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं। यह सरकार की जनहितैषी नीति, नक्सलवाद उन्मूलन अभियान और समग्र विकास ने इन क्षेत्रों में सकारात्मक और परिणाममूलक परिवर्तन की शुरुआत है। इन सबके बीच कहीं ऐसा न हो कि यह नक्सलमुक्त गांव को एक करोड़ देने की पहल का गलत फायदा न उठा लिया जाए। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि पहले भी कुछेक अच्छे प्रयास नक्सल समस्या के समाधान के लिए किए गए थे, लेकिन कुछ अफसर-नेताओं ने इसका गलत फायदा उठाने लगे थे। इसका दुष्परिणाम यह हुआ था कि नक्सल समस्या समाप्त होने की बजाय बढ़ती चली गई। अब सरकार को चाहिए कि वह इस मोर्चे पर गहन निगरानी करे। साथ ही पहले नक्सलमुक्त गांव बडेसेट्टी में इस तरह विकास करे कि वह एक मिसाल बन जाए और दूसरे अन्य नक्सल प्रभावित गांव भी इसे देखकर नक्सलमुक्त हो विकास के लिए समाज की मुख्यधारा में आ जाएं।
– अनुपम राजीव राजवैद्य anupam.rajiv@epatrika.com