DMI Reruitment in CG: दो साल बाद भी शासन नहीं ले रहा है सुध
शासन से मंजूरी मिलते ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती व्यापमं से करने का प्रस्ताव भेजा जाएगा। जबकि क्लास एक व दो की भर्ती
CGPSC के माध्यम से होगी। प्रदेश में
नए मेडिकल कॉलेज व नर्सिंग कॉलेजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यही नहीं सवा दो साल से कमिश्नर कार्यालय भी चालू गया है। इसके कारण संचालनालय में अधिकारियों समेत जरूरी स्टाफ की कमी पड़ रही है।
कंप्यूटर ऑपरेटर, प्यून की संख्या बढ़ाए जाने की जरूरत
क्लर्क से लेकर कंप्यूटर ऑपरेटर, प्यून की संख्या बढ़ाए जाने की जरूरत है। डीएमई कार्यालय में वर्तमान सेटअप तब के हैं, जब प्रदेश में केवल तीन सरकारी मेडिकल कॉलेज थे। अब कॉलेजों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है, जिसमें 10 सरकारी है। वहीं नर्सिंग कॉलेज भी बढ़कर 145 से ज्यादा हो गई है। पांच साल पहले महज 30 कॉलेज थे।
मेडिकल, डेंटल, नर्सिंग, फिजियोथैरेपी कॉलेजों का सेक्शन अलग-अलग होता है। यही नहीं स्थापना, वित्त, छात्र शाखा समेत दूसरी शाखाओं की भी जरूरत पड़ती है। कुछ माह पहले नेहरू मेडिकल कॉलेज के बाबुओं को सीएमई कार्यालय में अटैच किया गया था।
नवा रायपुर में हो चुका है कार्यालय शिट
डीएमई कार्यालय 2022 में नवा रायपुर के सेक्टर 19 में पूरी तरह शिट हो गया है। मेडिकल कॉलेज के तीन डॉक्टर डिप्टी डायरेक्टर या ओआईसी के बतौर सेवाएं दे रहे थे। मेडिकल कॉलेज व डीएमई कार्यालय पास होने के कारण ये डॉक्टर आसानी से अपनी ड्यूटी कर रहे थे। अब इसमें परेशानी हो रही है।
अधिकारियों के अनुसार डिप्टी डायरेक्टर व असिस्टेंट डायरेक्टर के नए पदों पर जो भर्ती होगी, वह स्वतंत्र होगा। यानी कॉलेज के डॉक्टरों को ये पद नहीं दिए जाएंगे। दरअसल अब डीएमई कार्यालय शिट होने से डॉक्टरों को ड्यूटी करने में परेशानी हो रही है। इसलिए ये पद भरने की जरूरत पड़ रही है।