ओपीडी बंद ,अब तक शुरू नहीं हो सकी
कोरोनाकाल यानी मार्च 2020 के पहले जिला अस्पताल पंडरी में बड़े निजी अस्पतालों के डॉक्टर एक-एक दिन सेवाएं दे रहे थे। इसके लिए बकायदा टाइम-टेबल तैयार किया गया था। सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार व शनिवार को अलग-अलग बीमारी के विशेषज्ञ व सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे थे। तब सीएमएचओ कार्यालय ने निजी अस्पताल प्रबंधन से बातचीत कर ये नई सुविधा शुरू की थी। मार्च 2020 में कोरोना का पहला केस आने के बाद से ये ओपीडी बंद कर दी गई, जो अब तक शुरू नहीं हो सकी है।फ्री सेवा लेने के लिए प्रयासरत नहीं दिख रहे
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी अब निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की फ्री सेवा लेने के लिए प्रयासरत नहीं दिख रहे हैं। हार्ट, किडनी, लीवर, ब्लड कैंसर, कैंसर सर्जरी के डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे थे। दरअसल ओपीडी में मरीजों की हिस्ट्री, लक्षण व जांच के बाद ये पता चल जाता था कि मरीज को कौन सी बीमारी है। इसके बाद मरीज अपनी सुविधानुसार इलाज के लिए निजी या डीकेएस अस्पताल भी चले जाते थे।डायरेक्टर भी सेवाएं दे रहे थे जिला अस्पताल की ओपीडी में
जिला अस्पताल में चल रही ओपीडी में बड़े निजी अस्पतालों के मालिक से लेकर डायरेक्टर भी सेवाएं दे रहे थे। पेट संबंधी बीमारी के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जन से लेकर गेस्ट्रोलॉजिस्ट भी मरीजों का इलाज कर रहे थे। इससे मरीजों को बड़ा फायदा भी हो रहा था। वर्तमान में डीकेएस सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल है। यहां ब्लड कैंसर विभाग नहीं है। पहले था, लेकिन डॉक्टर नौकरी छोडक़र चले गए। अब वे ज्वाइन करने के लिए तैयार है, लेकिन अस्पताल में जगह की कमी के कारण उन्हें टाला जा रहा है। ऐसे में एक ब्लड कैंसर विशेषज्ञ जिला अस्पताल की ओपीडी में सेवाएं दे रहे थे। अब इस बीमारी के लिए निजी अस्पताल ही एकमात्र सहारा है।इस पर एक बार विचार
जिला अस्पताल में निजी अस्पतालों के डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे थे, इसकी जानकारी नहीं है। इस पर एक बार विचार किया जाएगा।डॉ. मिथलेश चौधरी, सीएमएचओ रायपुर