Mahadev Satta App: 74 संस्थाओं को बनाया गया आरोपी
यह कार्रवाई 16 अप्रैल 2025 को दिल्ली, मुंबई, इंदौर, अहमदाबाद, चंडीगढ़, चेन्नई और संबलपुर (ओडिशा) में एक साथ की गई। ईडी से मिली जानकारी के अनुसार, जब्त किए गए दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की जांच में मेसर्स महादेव ऑनलाइन बुक बेटिंग ऐप का सिंडिकेट चलाने के इनपुट मिले हैं। इसके लिए
सट्टेबाजी वेबसाइटों को नए उपयोगकर्ताओं को नामांकित करने, आईडी को सक्षम बनाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म की व्यवस्था करता है।
तलाशी के दौरान बड़ी मात्रा में अपराध की आय (पीओसी) आय मिली है। बता दें कि महादेव सट्टा प्रकरण में अब तक ईडी ने 170 से अधिक परिसरों में छापेमारी कर तलाशी में करीब 3002.47 रुपए की चल-अचल अटैच कर चुकी है। साथ ही इस सिंडिकेट से जुड़े 13 लोगों को गिरतार किया गया है। वहीं, प्रकरण की जांच कर 5 अभियोजन शिकायतों में 74 संस्थाओं को आरोपी बनाया गया है।
बिचौलियों और एजेंटों की मदद
Mahadev Satta App: तलाशी के दौरान ऐसे साक्ष्य मिले हैं, जो बताते हैं कि कंपनियों के प्रमोटरों ने एजेंटों और बिचौलियों की मदद की मदद से फर्जीवाड़ा किया। इसके लिए अपनी कंपनी का मूल्यांकन बढ़ाने के लिए ब्लैकमनी की मदद से ऐसी कंपनियों के शेयर मूल्यों में हेरफेर करने के लिए आरोपियों से सांठगांठ की। इसमें एजेंट और स्टॉक ब्रोकर भी शामिल थे।
बता दें कि शेयरों की बिक्री, प्रमोटरों/ प्रमोटर-नियंत्रित शेयरों की बिक्री और शेयर वारंट जारी करना। इनमें से कुछ सूचीबद्ध कंपनियों का इस्तेमाल शेयर बाजारों में निवेश को बढ़ाने के लिए भी किया गया। ईडी को जांच में पता चला है कि सट्टेबाजी से अर्जित रकम को भारत से बाहर स्थानांतरित किया जा रहा था।
यह राशि विदेशी
एफपीआई के जरिए मॉरीशस, दुबई और अन्य देशों से भारतीय शेयर बाजार में लगाया जा रहा था। कुछ कंपनियों में एसएमई क्षेत्र की प्रतिभूतियों का कृत्रिम मूल्य में उतार-चढ़ाव पैदा करने के लिए धन लगाया गया था। तलाशी के दौरान कुछ निवेशों की पहचान करने के बाद उन्हें फ्रीज कर दिया गया। वहीं, शेयर मूल्य हेराफेरी के तौर-तरीके को उजागर करने की जांच चल रही है।