illegal mining: रेत का बेतहाशा उत्खनन
हैरानी की बात यह है कि इसी क्षेत्र में कुछ दिन पूर्व
रायपुर और गरियाबंद की संयुक्त टीम ने छापा मारकर महानदी क्षेत्र में चल रहे अवैध रूप से खनन कर रही मशीनी वाहनों को जब्त करते हुए चैन माउंटेन और हाइवा जैसे भारी वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी, जिससे ऐसा लगा कि प्रशासन ने सती दिखानी शुरू कर दी है। लेकिन अब फिर वही खेल शुरू हो चुका है और इस बार और ज्यादा बेखौफ हो पितईबंद में ही तीन-तीन चैन माउंटेन नदी में उतारकर रेत का बेतहाशा उत्खनन किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार अभी ग्राम पंचायत परसदा जोशी और हथखोज के नए सरपंचों ने पिछले कार्रवाई का सबक लेते हुए रेत घाट के स्वीकृति देने में सोचने पर लगे हुए हैं। लेकिन ग्राम पंचायत पितईबंद के सरपंच द्वारा महानदी से रेत निकालने रेत माफियाओं को स्वीकृति दे दी है। जिस पर रेत माफिया द्वारा तीन-तीन चैन माउंटेन लगाकर बेधड़क रेत की चोरी करने में लगे हुए हैं।
बेलाही घाट बना रेत माफियाओं का अखाड़ा
मिली जानकारी के अनुसार प्रतिदिन सैकड़ों हाइवा वाहन पितईबंद घाट से रेत निकालकर राजिम से होकर रेत लेकर गुजर रहे हैं। इन वाहनों की आवाजाही न तो छुपी हुई है, न ही कोई इससे अनजान है। फिर भी न तो परिवहन विभाग हरकत में आ रहा है, न ही पुलिस प्रशासन और न ही खनिज विभाग। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब गरियाबंद जिले में कोई वैध रेत घाट स्वीकृत नहीं है, तो फिर ये रेत आ कहां से रहा है। इस पर कोई संज्ञान क्यों नहीं ले रहा। कार्रवाई नही होने से स्पष्ट प्रतीत हो रहा हैं कि इन रेत माफिया और विभाग के बीच तगड़ी सांठगांठ हैं। जिससे ये रेत का अवैध कारोबार फल फूल रहा है। ब्लॉक के ग्राम पंचायत पितईबंद के महानदी में चल रहे बेखौफ रेत उत्खनन को लेकर एसडीएम राजिम ने सरपंच को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। लेकिन सरपंच ने अभी तक नोटिस का जवाब एसडीएम कार्यालय में प्रस्तुत नही किया है। पिछले साल इसी महानदी क्षेत्र के ग्राम पंचायत परसदा जोशी, हथखोज के सरपंच को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
जिस पर परसदा जोशी के सरपंच का जवाब संतोषजनक नही होने पर पंचायतीराज की धारा 40 के तहत एसडीएम ने कार्रवाई करते हुए सरपंच को बर्खास्त किया था। लेकिन फरवरी 2025 में पंचायत चुनाव के बाद फिर से रेत माफिया महानदी तट पर बसे ग्राम पंचायतों के सरपंचों से सांठगांठ कर महानदी का सीना छलनी करने में लग गए हैं।
illegal mining: छत्तीसगढ़ की शान महानदी इस वक्त माफियाओं की बेरहम नजरों के निशाने पर है। बेलाही घाट और भरका कुंड में रेत माफिया अब सिर्फ खनन नहीं कर रहे, वो सीधा नदी में रैम (अस्थायी सड़क) बनाकर डाइक के नीचे से रेत उड़ा रहे हैं और प्रशासन आंख बंद किए बैठा है। गजब खेल चल रहा है। नदी के बीचों बीच रैम बनाकर धड़ल्ले से हाइवा, ट्रैक्टर दौड़ रहे। गांववालों ने कहा कि सुबह ऐसा लगता है जैसे यहां कोई रेत उद्योग चल रहा हो। आवाजें, ट्रकों की कतारें, सब दिखता है, लेकिन यह सब संबंधित अफसरों को नजर नहीं आता।
प्रकृति की हो रही हत्या
निर्बाध गति से
रेत उत्खनन के चलते नदी का तल खतरनाक तरीके से गहरा गया है। वहीं नदी की मछलियां, कछुए और जल जीव पर संकट मंडरा रहा है। वहीं रेत उत्खनन के चलते आसपास गांव का जल स्तर पर भी खतरा मंडरा रहा है। अगर अभी कार्रवाई नहीं हुई, तो न सिर्फ नदी की सेहत जाएगी, बल्कि करोड़ों की लागत से बना डाइक भी बह जाएगा। जरूरत है, तगड़ी कार्रवाई की।