इस मामले में रायपुर के सभी डिवीजनों समेत धमतरी, दुर्ग, बेमेतरा, सेतु संभाग रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, विद्युत यांत्रिकीय रायपुर बिलासपुर और कोरबा का फंडाफोड हुआ है। इन सभी जगहों के कार्यपालन अभियंताओं को नोटिस भेजकर 10 अप्रैल तक जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। राज्य बनने के बाद लोक निर्माण विभाग में यह सबसे बड़ा घोटाला माना जा रहा है।
पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता विजय कुमार भतपहरी ने जारी नोटिस में कहा है कि रायपुर के कुशालपुर निवासी गणेश केंवट की शिकायत पर मामला सामने आया। जिसमें बिना टेंडर 855 करोड़ के कार्य करवाने वाले कार्यपालन अभियंता के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कराना है।
पूरा ब्योरा और कार्यो की रिपोर्ट मांगी
प्रमुख अभियंता भतपहरी ने पत्र में कहा है कि रायपुर के चारों डिवीजन, सेतु डिवीजन समेत उक्त जिलों के डिवीजनों के कार्यपालन अभियंता जांच के दायरे में हैं। बिना टेंडर आमंत्रित किए नॉन एग्रीमेंट कार्य की विस्तृत रिपोर्ट कार्यवार, मदवार, लागत तथा भुगतान एवं लंबित देयक की जानकारी सहित 10 अप्रैल तक कार्यपालन अभियंताओं को प्रमुख अभियंता कार्यालय को रिपोर्ट प्रस्तुत करना होगा। प्रमुख अभियंता ने 7 मार्च को कार्यपालन अभियंताओं को नोटिस जारी करने के साथ ही उनके खिलाफ केस दर्ज कराने व निलंबन के संबंध में पीडब्ल्यूडी के सचिव कमलप्रीत को प्रतिलिपि भेजी है।