शिक्षामित्रों ने 2023 में समान वेतन की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उनका कहना था कि समान कार्य के लिए समान वेतन मिलना चाहिए। हाईकोर्ट ने पहले राज्य सरकार को आदेश दिया था कि वह शिक्षामित्रों के वेतन को न्यूनतम मानते हुए एक समिति गठित करे और उनके लिए एक सम्मानजनक मानदेय निर्धारित करे। हालांकि, राज्य सरकार की ओर से इस मुद्दे पर कोई ठोस पहल नहीं की गई, जिसके बाद याचियों ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की।
इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय की अदालत में हो रही थी, और अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को एक महीने के अंदर निर्णय लेने का निर्देश दिया। सोमवार को सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि विभागीय विचार-विमर्श अभी जारी है और इस पर फैसला लेने में कुछ और समय लग सकता है। इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार को एक महीने का अतिरिक्त समय देते हुए अगली सुनवाई की तारीख 1 मई तय की है।
अब, इस मामले में हाईकोर्ट ने एक महीने में निर्णय लेने का आदेश दिया है और यह सुनवाई 1 मई को होगी।