मृतक देवी शंकर के परिजन और गांव के लोग लगातार आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे थे। सोमवार को ग्रामीणों ने आरोपियों के घरों की ओर कूच करने की कोशिश की और इस दौरान भारी विरोध-प्रदर्शन व चक्काजाम किया। इसके बाद प्रशासन ने स्थिति को संभालते हुए बुलडोजर एक्शन की तैयारी की और मंगलवार को आरोपियों के अवैध कब्जे ध्वस्त कर दिए।
प्रभारी निरीक्षक अनूप सरोज ने पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर गुस्साए लोगों को समझाया और स्थिति को नियंत्रित किया। हालांकि दोपहर में इसौटा मोड़ के पास फिर से ग्रामीणों ने रास्ता जाम कर दिया और शासन-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। प्रदर्शनकारियों ने मृतक के बच्चों के नाम जमीन का पट्टा दिलाने और आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने की मांग दोहराई।
करछना के एसडीएम तपन मिश्र और एसीपी वरुण कुमार ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि मृतक के परिवार को न्याय दिलाया जाएगा और जमीन का पट्टा जल्द मुहैया कराया जाएगा। एसीपी ने बताया कि आठ नामजद आरोपियों को जेल भेजा गया है, जबकि मुख्य आरोपी विनय सिंह अभी फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है।
जांच में सामने आया है कि मृतक देवी शंकर के संबंध आरोपी परिवार की एक युवती से थे, जिसे लेकर नाराज होकर आरोपियों ने साजिश रची। उसे बहाने से बुलाया गया, शराब पिलाई गई और फिर गला दबाकर हत्या कर दी गई। इसके बाद साक्ष्य मिटाने के लिए शव को जलाने का प्रयास किया गया।
पुलिस ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है, उनमें दिलीप सिंह उर्फ छुट्टन, अजय सिंह, मनोज सिंह, संजय सिंह उर्फ सोनू, शेखर सिंह, मोहित सिंह, अवधेश सिंह उर्फ डीएम और विमलेश गुप्ता उर्फ बाबा डॉन शामिल हैं। मुख्य आरोपी विनय सिंह अभी फरार है।