दारोगाओं को सेवा में बहाल करने का आदेश
यह आदेश जस्टिस अजित कुमार ने गौरव कुमार, रोहित कुमार, सुधीर कुमार गुप्ता, निर्भय सिंह जादौन, ज्योति और अन्य दारोगाओं की याचिका पर दिया। याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर वकील विजय गौतम और अतिप्रिया ने दलील दी कि पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड ने सेवा से हटाते समय न तो नियमों का पालन किया और न ही कोई विभागीय जांच की गई थी।
2024 को बोर्ड ने रद्द कर दिया था चयन
मुकदमे से जुड़ी जानकारी के अनुसार, यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने 24 फरवरी 2021 को 9027 सब-इंस्पेक्टर पदों के लिए भर्ती निकाली थी। इसमें शामिल होने के लिए ऑनलाइन परीक्षा, डॉक्यूमेंट चेकिंग, शारीरिक टेस्ट और मेडिकल टेस्ट पास करना जरूरी था। सभी याचिकाकर्ताओं ने ये सभी चरण सफलतापूर्वक पास किए और फरवरी 2023 में उनका चयन हुआ। उन्हें मार्च 2023 में ट्रेनिंग पर भेजा गया और मार्च 2024 में पोस्टिंग भी दे दी गई। लेकिन 27 अक्टूबर 2024 को बोर्ड ने उनका चयन यह कहकर रद्द कर दिया कि लिखित परीक्षा उन्होंने खुद नहीं दी, बल्कि किसी और ने उनकी जगह परीक्षा दी थी।