साले रविशंकर ने बताया कि मैं नोएडा सेक्टर-50 में एक मोमोज स्टॉल में खड़ा था, तभी मैंने देखा कि एक भिखारी दुकानदार के पीछे पड़ा है और खाना मांग रहा है। विक्षिप्त सा दिखने वाला वह आदमी कह रहा था कि उसे भूख लगी है। रविशंकर ने जब उसका नाम पूछा तो बड़ी-बड़ी दाढ़ी-मूंछ वाले उस व्यक्ति ने कहा कि वह नौगछिया के ध्रुवगंज का रहने वाले सच्चिदानंद सिंह का बेटा निशांत कुमार है। रविशंकर का कहना है कि मैं यह जानकर सन्न रह गया क्योंकि हमने उन्हें मृत मान लिया था। रविशंकर ने कहा कि मैंने 100 डायल कर पुलिस को बुलाया। निशांत को सेक्टर-13 स्थित पुलिस स्टेशन लाया गया। दिल्ली पुलिस ने सुल्तानगंज पुलिस को सूचित कर दिया है, जहां महीनों पहले निशांत के लापता होने की रिपोर्ट लिखाई गई थी। निशांत दिल्ली कैसे पहुंचा? वह इस हालत में कैसे पहुंचा? यह पूछताछ के बाद ही स्पष्ट होगा।
निशांत के मिलने पर साले रविशंकर का कहना है कि उसके जीजा के घरवालों ने अपहरण और हत्या का झूठा आरोप लगाकर हमारे पूरे परिवार को प्रताड़ित किया। उसने आरोप लगाया कि निशांत के परिवार वालों की ओर से लगाए आरोपों की वजह से बड़े चाचा की सदमे में मौत हो गई। परिवार को सामाजिक अपमान का भी सामना करना पड़ा।