बता दें कि भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस, सपा, बासपा गंगा-जमुनी तहजीब के भाषण देते हैं। वो कहते हैं सभी को सभी धर्मों का आदर करना चाहिए। हम डंडे के बल पर दुकानें बंद कराना नहीं चाहते। अब हिंदुओं ने रिक्वेस्ट की है तो ऐसे भाषण देने वालों को हिंदुओं की भावनाओं का आदर करना चाहिए। उन्हें इमामों के पास जाकर समझाना चाहिए। सबको समझाएं, सबको बताएं, अगर सात-आठ दिन मांस नहीं खाएंगे तो कौन से धरती पर नहीं रहेंगे। रामेश्वर शर्मा ने कहा कि ऐसे लोग चाहते है। कि हिंदू-मुस्लिम एकता हो तो हिंदुओं के त्योहारों का महत्व सभी को समझाएं। व्रत के समय कोई हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान करेगा तो हिंदू भी उसकी भावनाओं का सम्मान करेंगे।
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संस्कृति बचाओ मंच संयोजक चंद्रशेखर तिवारी ने कहा है कि पूरे नौ दिन मांस-मटन की दुकानें बंद होना चाहिए। हमारे सनातनधर्मी 9 दिन पवित्रता और शुदधता से अनुष्ठान करते हैं। 9 दिन तक माता की आराधना होती है। ऐस में मांग है कि प्रदेशभर में 9 दिन तक मांस-मटन की दुकानें बंद होना चाहिए।
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ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड के अध्यक्ष काजी अनस अली ने कहा है कि भावनाएं तो मुसलमानों की भी हैं। इस्लाम में शराब हराम है। रमजान के महीने में मुस्लिम बाहुल इलाकों में भी शराब दुकानें खुली रहती हैं। ऐसे में रमजान में शराब की दुकानें भी बंद होना चाहिए। सभी को एक-दूसरे की भावनाओं का आदर करना चाहिए। हिंदू मीट नहीं खरीदेंगे तो मीट दुकानें वैसे ही बंद रहेंगी। मुस्लिम भाइयों को लगता है कि, नवरात्रि में मीट-मटन की दुकानें बंद होना चाहए तो उन्हें बंद रखना चाहिए।