जिला प्रशासन ने किया प्रारूप प्रकाशन, अब 14 तक दर्ज होगी आपत्ति सीकर. आगामी शहरी सरकार के चुनावों के लिए सरकार ने सीमा विस्तार के जरिए नए सियासी समीकरणों की जमीन तैयार कर दी है। स्वायत्त शासन विभाग के आदेश पर जिला प्रशासन की ओर से गुरुवार को परिसीमांकन व पुनसीमांकन के प्रस्तावों पर अंतिम मुहर लगा दी। अब संबंधित उपखंड अधिकारी कार्यालयों की ओर से 28 से 17 अप्रेल तक आपत्ति मांगी गई है। आपत्तियों के बाद प्रारूप का अंतिम प्रकाशन होगा। आगामी नगर निकायों के चुनाव इसी के आधार पर होने है। हालांकि वार्ड की संख्या में बढ़ोतरी होने की कोई संभावना नहीं है। सूत्रों के अनुसार, सीकर, नीमकाथाना, लोसल, श्रीमाधोपुर, फतेहपुर व खंडेला में आबादी विस्तार हुआ है। जबकि लक्ष्मणगढ़, खाटूश्यामजी ,रींगस व रामगढ़-शेखावाटी में आबादी विस्तार नहीं किया गया है। रोचक बात यह है कि पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा के विधानसभा क्षेत्र लक्ष्मणगढ़ की नगर निकाय में सीमा विस्तार के लिए देर रात तक सियासी घमासान जारी रहा, लेकिन यहां के लोगों के आक्रोश को देखते हुए सरकार ने दो गांवों को शामिल नहीं किया।
पत्रिका की खबर पर फिर लगी मुहर, भादवासी, पालवास सहित अन्य क्षेत्र शामिल
सीकर नगर परिषद क्षेत्र का दायरा और बढ़ गया है। राजस्थान पत्रिका ने गुरुवार के अंक में ही नए गांवों के शामिल होने का खुलासा कर दिया था। स्वायत्त शासन विभाग की ओर से जारी आदेश में ग्राम पंचायत भादवासी का राजस्व गांव भादवासी का सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र, ग्राम पंचायत कंवरपुरा का राजस्व गांव पालवास, बलरामपुरा, ग्राम पंचायत शिवसिंहपुरा का राजस्व गांव घोराणा व ग्राम ग्राम पंचायत कुड़ली का सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र को शामिल किया है।
इसलिए नहीं होगी वार्ड की संख्या में बढ़ोतरी
जिले के छह नगर निकायों में आबादी विस्तार होने के बाद भी वार्ड की संख्या में बढ़ोतरी होने की संभावना नहीं है। इसके पीछे वजह यह है कि वार्ड की आबादी की गणना जनगणना 2011 के हिसाब से होनी है। ऐसे में सीकर नगर परिषद क्षेत्र में भी वार्ड की संख्या 65 ही रहने की संभावना है। सूत्रों का कहना है कि जनगणना के नए आंकड़ों के बाद सीकर शहर में 85 से अधिक वार्ड बनने की संभावना रहेगी। यहां इसलिए बदलाव नहीं….. खाटू, रींगस व रामगढ़ के प्रस्ताव नहीं खाटूश्यामजी, रींगस व रामगढ़-शेखावाटी के आबादी विस्तार के प्रस्ताव तैयार नहीं हुए। पहले खंडेला भी इसी श्रेणी में शामिल था। लेकिन आखिरी समय पर खंडेला नगर निकाय के प्रस्ताव पर भी मुहर लग गई। ऐसे में खंडेला नगर निकाय का भी आबादी विस्तार हो गया है।
लक्ष्मणगढ: संघर्ष से बची दो ग्राम पंचायत
लक्ष्मणगढ़ नगर निकाय में सियासी समीकरणों को मात देने के लिए सरकार की ओर से मानासी व नरोदड़ा गांव को शामिल करने का प्रस्ताव तैयार हुआ। जिन ग्राम पंचायतों को नगर निकाय में शामिल किया जा रहा था वहां के लोग इस फैसले के विरोध में पहले ही दिन सड़क पर आ गए। इसके बाद लोगों ने पीसीसी अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा की अगुवाई में सीकर कलक्ट्रेट के सामने रैली निकालकर प्रदर्शन किया। अगले दिन ग्रामीणों ने डोटासरा की अगुवाई में उपखंड अधिकारी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने सरकार को इन गांवों को शामिल की चुनौती भी दी थी। इस मामले में भाजपा नेताओं की ओर से गुरुवार देर शाम तक इन ग्राम पंचायतों को शामिल करने के लिए सियासी दांव-पेंच लगाए गए। सियासी गलियारों में लक्ष्मणगढ़ में बदलाव नहीं होने को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं भी सामने आ रही है।
सेटेलाइट टाउन की होगी ग्रोथ: भाजपा
शहरों पर आबादी का बोझ कम करने के लिए पड़ौस के गांव, ढााणियों को ही छोटे शहर के रूप में विकसित करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए सेटेलाइट टाउन कंसेप्ट लाया गया, जिसे मूर्त रूप देने के लिए सरकार तैयारी में जुटी है। सरकार की इस पहल से शिक्षानगरी की अर्थव्यवस्था भी मजबूत हेागी। आशीष तिवाड़ी, पूर्व जिला मंत्री, भाजपा
जनता देगी सरकार को जवाब: कांग्रेस
सीकर जिला कांग्रेस का मजबूत गढ़ है। भाजपा नेताओं के इशारे पर सरकार ने लक्ष्मणगढ़ सहित अन्य स्थानों पर शहरी सीमा का दायरे बढ़ाने की कोशिश की। लक्ष्मणगढ़ की जनता के साथ सड़कों पर उतरे तो सरकार यहां आबादी विस्तार का फैसला नहीं ले सकी। जहां-जहां सरकार के इशारे पर ग्राम पंचायतों को शहरी सीमा में शामिल किया है, विरोध सामने आ रहा है। इसके लिए शुक्रवार को बैठक कर आंदोलन की रणनीति तैयार करेंगे।
सुनिता गिठाला, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस