जीएसटी के डिप्टी कमिश्नर की पत्नी ने बताई आत्महत्या की वजह
अर्पणा सिंह ने कहा “संजय सिंह बहुत संजीदा इंसान थे। उनके जीवन को कैंसर से खतरा नहीं था। संजय पर काम का बहुत ज्यादा दबाव था। अभी हाल ही में उन्हें एक अतिरिक्त चार्ज भी दे दिया गया था। इसके चलते वह ज्यादा डिप्रेशन में रहते थे।” अर्पणा सिंह ने आगे कहा “जो भी था इस बीच कहीं न कहीं उनका एक ऑफिशियल मेंटल प्रेशर था। शायद इसको हमारे विभागीय लोग समझ पाएंगे। मेंटल प्रेशर बहुत ज्यादा था। हमें उनसे कोई डर नहीं था कि उनको कुछ होने वाला है। ये जो चीजें हुईं, ये बिल्कुल भी सामान्य नहीं थी। कहीं न कहीं वो आपकी ये जो व्यवस्था है, वो इस व्यवस्था के शिकार हुए हैं। अगर इस बात का कोई जवाब देने को तैयार हो तो मुझसे बात कर सकता है।”
जीएसटी अधिकारी की पत्नी ने कैंसर की रिपोर्टों को किया खारिज
अर्पणा सिंह ने उन रिपोर्टों को भी खारिज कर दिया। जिनमें कहा गया था कि उनके पति का प्रोस्टेट कैंसर अंतिम चरण में पहुंच गया था। उन्होंने कहा “भगवान उन्हें माफ करें। मैं सभी को चुप नहीं करा सकती। मेरे पति चौथे चरण के कैंसर के मरीज नहीं थे और मेरे पास इसका सबूत है। जो कुछ भी हुआ है, उसके लिए सिस्टम जिम्मेदार है। इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने मेरे ससुर और मेरी ननद का इलाज करवाया। उनका कैंसर जीवन के लिए खतरा नहीं था, कभी नहीं। वह काम के कारण बहुत दबाव में थे। शायद उनके विभाग के सहकर्मी बेहतर जानते होंगे।” नोएडा में जीएसटी के डिप्टी कमिश्नर ने किया था सुसाइड
गाजियाबाद जीएसटी विभाग में तैनात 59 साल के डिप्टी कमिश्नर संजय सिंह ने सोमवार को नोएडा स्थित एपेक्स एथेना सोसायटी में सुसाइड कर लिया। यह सोसायटी नोएडा के सेक्टर 75 में स्थित है। इसी सोयायटी में उनका घर भी है। सोमवार सुबह करीब 11 बजे वह सोसायटी की 14वीं मंजिल से कूद गए थे। इसके बाद पुलिस ने कैंसर के आखिरी स्टेज में होने के चलते तनाव में आत्महत्या करने की बात कही थी। संजय सिंह के परिवार में उनकी पत्नी अर्पणा सिंह और दो बेटे हैं। उनका बड़ा बेटा गुरुग्राम में काम करता है और छोटा बेटा शारदा यूनिवर्सिटी में डेंटिस्ट्री का छात्र है। संजय सिंह गाजियाबाद के राजेंद्र नगर में जीएसटी कार्यालय में तैनात थे और सुप्रीम कोर्ट के मामलों को संभाल रहे थे।
यूपी राज्य कर अधिकारी सेवा संघ ने जताया विरोध
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यूपी राज्य कर अधिकारी सेवा संघ में संजय सिंह की आत्महत्या को लेकर आक्रोश है। संघ के पदाधिकारियों ने प्रशासन पर “अत्याचार” का आरोप लगाया है। संघ पदाधिकारियों का कहना है कि कर्मचारियों को छुट्टी के दिनों में काम करने और समय-सीमा से पहले मामलों को पूरा करने के लिए कहा जा रहा है। कर्मचारी संघ का ये भी कहना है कि प्रशासन की ओर उन्हें ऐसा नहीं करने पर बर्खास्तगी की धमकियां भी दी जा रही हैं। अधिकारियों में निराशा है, क्योंकि उन्हें काम के दबाव के कारण गलतियां होने का डर है। संगठन ने कहा कि वह होली के बाद सामूहिक आकस्मिक अवकाश का आह्वान करेगा।