विधानसभा अध्यक्ष ने पत्र के माध्यम से दी चेतावनी
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने बुधवार को मुख्य सचिव धर्मेंद्र को पत्र लिखकर बताया है कि सरकारी विभागों के प्रमुख अधिकारियों को नवनिर्वाचित विधायकों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए। विजेंद्र गुप्ता के पत्र को दिल्ली की नौकरशाही व्यवस्था के लिए एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है। सूत्रों की मानें तो कुछ विधायकों ने इस बारे में विधानसभा अध्यक्ष के पास शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें बताया गया था कि दिल्ली के कुछ अधिकारी विधायकों का फोन तक नहीं रिसीव करते हैं। मुख्य सचिव धर्मेंद्र को लिखे पत्र में दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सरकारी विभागों के प्रमुख अधिकारियों के नवनिर्वाचित विधायकों के साथ व्यवहार को लेकर चिंता जताई।
विजेंद्र गुप्ता ने अपने पत्र में कहा “यह दिल्ली विधानसभा के माननीय सदस्यों के साथ व्यवहार करते समय सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा पालन की जाने वाली प्रक्रिया और प्रोटोकॉल मानदंडों के संदर्भ में है। मेरे संज्ञान में कुछ ऐसे मामले लाए गए हैं। जहां माननीय सदस्यों द्वारा पत्र, फोन कॉल या संदेशों के रूप में किए गए संचार को संबंधित अधिकारी द्वारा स्वीकार भी नहीं किया गया है।” विधानसभा अध्यक्ष ने इसे गंभीर मामला बताते हुए इसकी अनुपालन रिपोर्ट भी मांगी है।
नए प्रशासन के साथ तालमेल बिठाकर काम करने की सलाह
दरअसल, दिल्ली की नौकरशाही और
आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार में अक्सर टकराव की स्थिति देखी जाती रही है। आम आदमी पार्टी के नेता दिल्ली के अधिकारियों पर अनदेखी करने के आरोप भी लगाते रहे हैं। अब दिल्ली में भाजपा की सरकार है। इसलिए नौकरशाही व्यवस्था से अपेक्षा की जाती है कि वह नए प्रशासन के साथ तालमेल बिठाकर काम करे। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता का पत्र इसी बात की याद दिलाता है। इसके साथ ही इस पत्र को दिल्ली के अधिकारियों के लिए चेतावनी के रूप में भी देखा जा रहा है।