दरअसल, पहलगाम में हुए नृशंस आतंकवादी हमले पर चर्चा को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में सीडब्ल्यूसी की बैठक हुई। इसमें कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत सभी सदस्यों से भाग लिया। सीडब्ल्यूसी ने हमले पर गहरा सदमा जताते हुए निंदा की। शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं प्रकट की गई। कांग्रेस ने कहा कि वह इस गहन पीड़ा की घड़ी में पूरी तरह से उनके साथ खड़ी है।
हिंदुओं को निशाना बनाकर भावनाएं भडक़ाने की कोशिश
सीडब्ल्यूसी ने माना कि पाकिस्तान ने इस कायराना और सुनियोजित आतंकवादी कृत्य को अंजाम दिया है। हमारे लोकतंत्र के मूल्यों पर सीधा आघात है। हिंदुओं को जानबूझकर निशाना बनाना पूरे देश में भावनाएं भडक़ाने के उद्देश्य से किया गया। हम इस गंभीर उकसावे के बावजूद शांति बनाए रखने की अपील करते हैं और विविधता के बावजूद हमारी सामूहिक शक्ति को दोहराते हैं। कांग्रेस कार्यसमिति शांति की अपील करती है और सीमा पार आतंकवाद से दृढ़ संकल्प और एकता के साथ लडऩे के लिए कांग्रेस की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दोहराती है।
व्यापक जनहित में सवाल उठाना जरूरी
सीडब्ल्यूसी के प्रस्ताव में कहा गया कि पहलगाम को एक अत्यधिक संरक्षित क्षेत्र माना जाता है, जिसे तीन-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था से सुरक्षित किया गया है। यह आवश्यक है कि खुफिया विफलताओं और सुरक्षा चूकों का व्यापक विश्लेषण किया जाए, जिसने एक केंद्र शासित प्रदेश — जो कि सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आता है। जहां इस तरह के हमले को संभव बनाया। ये प्रश्न व्यापक जनहित में उठाए जाने चाहिए। यही तरीका है जिससे वास्तव में न्याय होते हुए देखा जा सकता है, उन परिवारों के लिए जिनकी जिंदगियां इतनी क्रूरता से तबाह कर दी गई हैं।
अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को दें प्राथमिकता
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अमरनाथ यात्रा शीघ्र ही आरंभ होने वाली है। हर साल देशभर से लाखों श्रद्धालु इस यात्रा में भाग लेते हैं, और उनकी सुरक्षा को राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में लिया जाना चाहिए। मजबूत, पारदर्शी और सक्रिय सुरक्षा इंतजाम तुरंत किए जाने चाहिए। इस नरसंहार की सभी राजनीतिक दलों और जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के एक बड़े वर्ग द्वारा सही रूप से निंदा की गई है।
गंभीर त्रासदी में भाजपा ने फैला रही फूट और ध्रुवीकरण
सीडब्ल्यूसी प्रस्ताव में कहा गया कि यह चौंकाने वाला है कि भाजपा इस गंभीर त्रासदी का उपयोग अपने आधिकारिक और प्रॉक्सी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के माध्यम से और अधिक फूट, अविश्वास, ध्रुवीकरण और विभाजन फैलाने के लिए कर रही है। जबकि इस समय एकता और एकजुटता की सबसे अधिक आवश्यकता है।