Hawala Money: सोना तस्करी मामले में गिरफ्तार कन्नड़ एक्ट्रेस रान्या राव ने कबूल किया कि उसने सोना खरीदने के लिए हवाला के जरिए पैसे का इस्तेमाल किया था। यह खुलासा राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने 25 मार्च को उनकी जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट में बताया। बता दें कि रान्या राव को 3 मार्च को बेंगलुरु एयरपोर्ट पर सोने की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था।
DRI की वकील मधु राव ने बताया कि रान्या राव को हवाला के जरिए पैसा भेजा गया है, उन्होंने यह बात कबूल की है। बता दें कि कबूलनामे के बाद अधिकारियों ने कार्रवाई शुरू की और मामले की न्यायिक जांच के लिए सीमा शुल्क अधिनियम की धारा 108 के तहत नोटिस जारी किया।
क्या होता है हवाला का पैसा
हवाला एक अनौपचारिक और गैर-कानूनी धन हस्तांतरण प्रणाली है, जो पारंपरिक बैंकिंग या वित्तीय संस्थानों के बाहर संचालित होती है। इसमें पैसा एक देश से दूसरे देश या एक जगह से दूसरी जगह बिना किसी आधिकारिक रिकॉर्ड या ट्रांजेक्शन के ट्रांसफर किया जाता है। इसका उपयोग काले धन को सफेद करने, टैक्स चोरी और गैर कानूनी लेनदेन के रूप में करते है।
क्या है सजा का प्रावधान
बता दें कि भारत में हवाला लेनदेन एक अवैध गतिविधि मानी जाती है और यह मुख्य रूप से दो कानूनों के तहत दंडनीय है: विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA), 1999 और धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002। हवाला लेनदेन में पकड़े जाने पर सजा की अवधि और जुर्माना अपराध की गंभीरता और संदर्भ पर निर्भर करते हैं।
3 से 7 साल तक की जेल
धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के तहत यदि हवाला लेनदेन मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हुआ पाया जाता है, तो 3 साल से लेकर 7 साल तक की जेल हो सकती है। इसके अलावा अपराध नशीले पदार्थों या आतंकवाद जैसे गंभीर अपराधों से जुड़ा हो तो सजा 7 साल से बढ़कर आजीवन कारावास तक हो सकती है। इसके साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है, जो आमतौर पर 5 लाख रुपये तक हो सकता है, हालांकि यह राशि मामले के आधार पर भिन्न हो सकती है।
वीडियो पुराना है।
तीन गुना तक हो सकता है जुर्माना
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम FEMA, 1999 के तहत, यदि हवाला विदेशी मुद्रा नियमों का उल्लंघन करता है, तो सजा में जेल की अवधि का उल्लेख कम होता है, लेकिन इसमें जुर्माना प्रमुख होता है, जो लेनदेन की राशि का तीन गुना तक हो सकता है।
कैसे होता है हवाला में लेनदेन
दरअसल, हवाला के पैसों को काफी सीक्रेट तरीके से ट्रांसफर किया जाता है, क्योंकि यह बैंक और जांच एजेंसियों को धोखा देकर किया जाता है। आइए जानते है ये कैसे किया जाता है…
हवाला का पैसे भेजने वाला हवाला एजेंट से संपर्क करता है और उसे पैसे देता है। इसके अलावा वह एक कमीशन भी उसे देता है। इसके बाद एजेंट अपने नेटवर्क में मौजूद दूसरे हवाला एजेंटों को जो दूसरे शहर या देश में है उनको सूचित करता है। इसके बाद दूसरे शहर या देश में मौजूद एजेंट उस राशि को बिना किसी औपचारिक रिकॉर्ड के प्राप्तकर्ता को दे देता है।
हसन अली खान- हसन अली को भारत में अब तक का सबसे बड़ा हवाला कारोबारी माना जाता है। हसन अली का नाम तब सुर्खियों में आया जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आयकर विभाग ने उनके खिलाफ जांच शुरू की। उन पर आरोप था कि उन्होंने हवाला के जरिए अरबों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की, जिसमें विदेशी बैंकों में 8 बिलियन डॉलर (लगभग 36,000 करोड़ रुपये उस समय के हिसाब से) से अधिक की राशि जमा करने का दावा किया गया।
जैन बंधु (एस.के. जैन और एन.के. जैन)- 1990 के दशक के जैन हवाला कांड में जैन बंधुओं का नाम प्रमुख था। इस मामले में 115 करोड़ रुपये के लेनदेन का खुलासा हुआ था, जो उस समय के हिसाब से बहुत बड़ी राशि थी।
नरेश जैन- हाल के वर्षों में नरेश जैन का नाम भी बड़े हवाला ऑपरेटर के रूप में उभरा है। 2020 में प्रवर्तन निदेशालय ने उनके खिलाफ कार्रवाई की, जिसमें उन पर 1,200 करोड़ रुपये से अधिक के हवाला लेनदेन और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगा।
अब्दुल रहमान और मतीन- 1980-90 के दशक में मुंबई और दक्षिण भारत में सक्रिय कुछ हवाला कारोबारी जैसे अब्दुल रहमान और मतीन भी बड़े नाम थे। इनका संबंध अंडरवर्ल्ड से भी जोड़ा गया, खासकर दाऊद इब्राहिम के नेटवर्क से।