SC द्वारा आंतरिक जांच रिपोर्ट जारी करना खतरनाक ट्रेंड, जस्टिस वर्मा मामले पर कपिल सिब्बल ने ऐसा क्यों कहा
Justice Yashwant Varma: कपिल सिब्बल ने जस्टिस यशवंत वर्मा मामले पर कहा कि इस मामले में जब तक जांच पूरी नहीं होती है, तब तक देश के किसी भी जिम्मेदार नागरिक को इस पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए
Cash Row: राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से बरामद जले हुए कैश के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा आंतरिक जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जस्टिस वर्मा प्रकरण में आंतरिक जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का शीर्ष अदालत का फैसला एक “खतरनाक मिसाल” स्थापित करता है।
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने एससी द्वारा इन दस्तावेजों को सार्वजनिक करने पर कहा कि यह उनके विवेक पर निर्भर करता है और यह सही था या गलत, यह तो समय ही बताएगा। क्योंकि जो होता है वह यह है कि दस्तावेज का स्रोत खुद कोर्ट होती है और फिर लोग उस पर विश्वास कर लेते हैं। यह सच है या नहीं, यह बाद में तय किया जाएगा। मेरे हिसाब से यह एक खतरनाक ट्रेंड है।
जस्टिस वर्मा मामले में टिप्पणी नहीं करनी चाहिए
कपिल सिब्बल ने जस्टिस यशवंत वर्मा मामले पर कहा कि इस मामले में जब तक जांच पूरी नहीं होती है, तब तक देश के किसी भी जिम्मेदार नागरिक को इस पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, न ही बार को यह रुख अपनाना चाहिए कि हम हड़ताल पर चले जाएं क्योंकि आप मान लेते हैं कि कोई दोषी है। उन्होंने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि यह देश इस सिद्धांत पर चलता रहेगा कि जब तक कोई व्यक्ति दोषी नहीं पाया जाता, वह निर्दोष है, और इस मामले में तो जांच भी पूरी नहीं हुई है।
‘उन्हें सोचना होगा कि कैसे निपटना है’
उन्होंने आगे कहा कि संस्थागत प्रतिक्रिया एक ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए जिसे संस्था लिखित रूप में लागू करे कि क्या होना चाहिए। क्योंकि संविधान के तहत, उनके पास संसद द्वारा व्यक्ति पर महाभियोग चलाने के अलावा कोई और शक्ति नहीं है। यह उन्हें ही सोचना है कि इससे कैसे निपटना है।
तीन सदस्यीय कमेटी करेगी जांच
सुप्रीम कोर्ट ने 22 मार्च को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शील नागू, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जीएस संधावालिया और कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनु शिवरामन की तीन सदस्यीय समिति का गठन किया। यह समिति जस्टिस यशवंत वर्मा माले की जांच करेगी।
अदालत ने दिल्ली उच्च न्यायालय की संशोधित आंतरिक जांच रिपोर्ट भी सार्वजनिक की और दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा द्वारा कथित तौर पर दिल्ली के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय के साथ साझा किए गए वीडियो और तस्वीरें भी अपलोड कीं।
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