चीन पर टैरिफ क्या है और क्यों लगाया गया?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अप्रैल 2025 में चीन से आयात होने वाली वस्तुओं पर 34% अतिरिक्त
टैरिफ लगाने का ऐलान किया। पहले से ही 20% टैरिफ लागू था, यानी अब कुल टैरिफ 54% तक पहुंच सकता है। ट्रंप का कहना है कि यह कदम अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। उनका मानना है कि विदेशी आयात पर भारी शुल्क लगाने से
अमेरिकी कंपनियां अपने देश में उत्पादन बढ़ाएंगी। इससे चीन से आने वाले उत्पाद महंगे हो जाएंगे, जिसमें iPhone जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामान भी शामिल हैं।
Apple और iPhone का चीन से कनेक्शन
Apple अपने अधिकांश iPhone का उत्पादन चीन में करती है। Foxconn जैसी
कंपनियां वहां बड़े पैमाने पर iPhone असेंबल करती हैं। चीन की सस्ती मजदूरी और मजबूत सप्लाई चेन इसकी वजह हैं। अगर चीन से अमेरिका में आने वाले iPhone पर 54% टैरिफ लगता है, तो उनकी लागत में भारी बढ़ोतरी होगी। उदाहरण के लिए, अगर एक iPhone की उत्पादन लागत $400 है, तो टैरिफ के बाद यह $616 तक पहुंच सकती है।
iPhone की कीमत बढ़ेगी या नहीं?
लागत खुद उठाए: Apple टैरिफ की extra लागत को अपने मुनाफे से कवर कर सकती है। लेकिन इससे कंपनी का लाभ मार्जिन कम होगा, जो शेयरधारकों को पसंद नहीं आएगा। कीमतें बढ़ाए: अगर Apple यह अतिरिक्त लागत ग्राहकों पर डाले, तो iPhone की कीमत 30-40% तक बढ़ सकती है। मिसाल के तौर पर, $799 वाला iPhone 16 अमेरिका में $1,100-$1,200 तक पहुंच सकता है। भारत में भी कीमतें 1 लाख रुपये से ऊपर जा सकती हैं।
उत्पादन स्थान बदले: Apple पहले से ही भारत और वियतनाम जैसे देशों में उत्पादन बढ़ा रही है। लेकिन इतने बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन को शिफ्ट करना समय और पैसा दोनों मांगता है।
अभी क्या हो रहा है?
खबरों के मुताबिक, Apple ने टैरिफ लागू होने से पहले ही मार्च 2025 में चीन और भारत से बड़े पैमाने पर iPhone का स्टॉक अमेरिका भेज दिया था। इससे मौजूदा स्टॉक पर टैरिफ का असर नहीं पड़ेगा और कीमतें अभी स्थिर रह सकती हैं। भारत में iPhone का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है। Foxconn, Pegatron और Tata जैसी कंपनियां भारत में असेंबली कर रही हैं। लेकिन अभी भी ज्यादातर पार्ट्स चीन से आते हैं, जिस पर टैरिफ का असर पड़ सकता है।
ग्राहकों पर क्या असर?
अगर कीमतें बढ़ती हैं, तो अमेरिकी ग्राहकों को iPhone के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है। इससे डिमांड कम होने का खतरा भी है। भारत में पहले से ही iPhone महंगे हैं (18% GST और इंपोर्ट ड्यूटी की वजह से)। टैरिफ का असर यहां भी दिख सकता है, खासकर तब जब Apple वैश्विक कीमतें बढ़ाए। कीमत बढ़ने पर लोग सस्ते Android फोन की ओर जा सकते हैं, खासकर Huawei या Samsung जैसे ब्रांड्स की।
टेक्नोलॉजी बाजार में हड़कंप क्यों?
टैरिफ की घोषणा के बाद Apple के शेयरों में 5% से ज्यादा की गिरावट आई। निवेशक चिंतित हैं कि महंगे iPhone से बिक्री प्रभावित होगी। टैरिफ से न सिर्फ Apple, बल्कि दूसरी टेक कंपनियां भी प्रभावित होंगी, जो चीन पर निर्भर हैं। इससे पूरी इंडस्ट्री में अस्थिरता बढ़ सकती है। Huawei जैसी चीनी कंपनियां अपने घरेलू बाजार में मजबूत हो सकती हैं, जहां टैरिफ का असर नहीं पड़ेगा।
भविष्य में क्या हो सकता है?
अगर टैरिफ लंबे समय तक लागू रहते हैं, तो 2025 के अंत तक iPhone 17 जैसे नए मॉडल्स की कीमतें बढ़ सकती हैं। भारत iPhone उत्पादन का बड़ा हब बन सकता है। 2025 में भारत से $6 बिलियन के iPhone एक्सपोर्ट हुए हैं, और यह आंकड़ा बढ़ सकता है। कंपनी टैरिफ से राहत पाने के लिए अमेरिकी सरकार से बातचीत कर सकती है या उत्पादन को तेजी से अमेरिका में शिफ्ट कर सकती है।