यहां कुछ चर्चित लोकसभा सीटों की चर्चा की गई है। अमरावती लोकसभा सीट से कभी पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल प्रतिनिधित्व करती थी। पूर्व सीए उद्धव ठाकरे के घर के सामने हनुमान चालीसा लेकर चर्चा में आईं नवनीत राणा अब भाजपा के टिकट से मैदान में हैं तो उन्हें चुनौती देने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक बलवंत वानखेड़े हैं। वंचित बहुजन अघाडी के समर्थन से रिपब्लिकन सेना के आनंदराज अंबेडकर भी मैदान में हैं। पहली बार नवनीत कौर राणा के सहारे भाजपा यहां पर झंडा गाडऩे के प्रयास में है।
अकोला लोकसभा सीट हमेशा से चर्चा में रहा है। यहां कांग्रेस और वंचित बहुजन अघाडी के साथ पिछले चार बार से लगातार भाजपा का दबदबा रहा है। इस बार फिर यहां से भाजपा ने लगातार चार बार सांसद बने संजय धोत्रे के बेटे अनूप संजय धोत्रे को मैदान में उतारा है, तो इन्हें टक्कर देने के लिए इंडिया गठबंधन की ओर से कांग्रेस के अभय काशीनाथ पाटिल को टिकट दिया गया है। इसी सीट से डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के बेटे प्रकाश अंबेडकर दो बार सांसद रह चुके हैं, वे इस बार फिर से मैदान में है और उन्हें असदुद्दीन ओवैसी पूरा समर्थन दे रहे हैं। ऐसे में यहां त्रिकोणीय मुकाबला है। अकोला की एक समृद्ध कृषि परंपरा है। इस जिले को कपास और सोयाबीन के भरपूर उत्पादन के लिए जाना जाता है।
महात्मा गांधी ने महाराष्ट्र के वर्धा में अपना आश्रम बनाया, जो बाद में सेवाग्राम के नाम से मशहूर हो गया। यहां पर कांग्रेस का लंबे समय तक दबदबा रहा। लेकिन 2014 से भाजपा के रामदास तडस चुनाव जीत रहे हैं, तीसरी बार फिर भाजपा ने तडस पर दांव लगाया है तो वही एनसीपी शरद चंद्र पवार गुट से अमर काले को इंडिया गठबंधन के तहत उतारा गया है। अब तक के इतिहास में पहली बार कांग्रेस इस सीट से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रही है।