म्यांमार में भूकंप की तबाही: 1600 से अधिक जिंदगियां खत्म
शुक्रवार दोपहर को म्यांमार में 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसका केंद्र सागाइंग के पास था। इसके बाद 2.8 से 7.5 तीव्रता के 12 और झटके महसूस किए गए, जिसने हालात को और भयावह बना दिया। म्यांमार के राज्य प्रशासन परिषद की सूचना टीम के मुताबिक, इस आपदा में अब तक 1,602 लोगों की मौत हो चुकी है, 2,376 लोग घायल हैं और 30 लोग लापता हैं। घर ढह गए, सड़कें टूट गईं और पूरा इलाका मलबे के ढेर में तब्दील हो गया। इस त्रासदी ने म्यांमार को गहरे संकट में डाल दिया है।
ऑपरेशन ब्रह्मा: भारत की त्वरित प्रतिक्रिया
भारत ने म्यांमार की इस आपदा पर तुरंत कार्रवाई करते हुए ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ शुरू किया। शनिवार को नेपीडॉ में उतरे सी-130 विमान ने न सिर्फ राहत सामग्री पहुंचाई, बल्कि एनडीआरएफ के 38 प्रशिक्षित कर्मियों को भी बचाव कार्यों के लिए तैनात किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि यह दिन का तीसरा भारतीय विमान था, जो म्यांमार में सहायता लेकर पहुंचा। इसके अलावा, दो भारतीय नौसैनिक जहाज और आगरा से 118 सदस्यों वाला एक फील्ड अस्पताल भी शनिवार को रवाना होने वाला है। यह समन्वित प्रयास भारत की आपदा प्रबंधन क्षमता और मानवीय दृष्टिकोण को उजागर करता है।
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश: “हम आपके साथ हैं”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से फोन पर बात की और इस आपदा में हुई जनहानि पर गहरी संवेदना जताई। अपनी एक्स पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा, “भारत इस मुश्किल घड़ी में म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है।” उन्होंने ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत राहत सामग्री, खोज और बचाव दलों को तेजी से भेजने की बात भी कही। यह संदेश म्यांमार के लोगों के लिए ढांढस और भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक बना।
क्षेत्रीय प्रभाव: थाईलैंड, चीन और भारत में भी झटके
म्यांमार में आए इस भूकंप का असर केवल वहीं तक सीमित नहीं रहा। थाईलैंड में जोरदार झटके महसूस किए गए, वहीं चीन और भारत के कुछ हिस्सों में भी इसका प्रभाव देखा गया। इसने क्षेत्रीय स्तर पर चिंता बढ़ा दी है, लेकिन भारत ने म्यांमार को प्राथमिकता देते हुए राहत कार्यों को तेज कर दिया है। म्यांमार के नेता मिन आंग ह्लाइंग ने स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय समुदायों से मदद की अपील की है, और भारत इस अपील पर सबसे पहले खरा उतरा है। इस आपदा ने जहां म्यांमार को झकझोर दिया, वहीं भारत ने संकट मोचक की भूमिका निभाकर अपनी जिम्मेदारी और पड़ोसी देश के प्रति दोस्ती का परिचय दिया है। ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत राहत कार्य जारी हैं, और उम्मीद है कि यह सहायता प्रभावित लोगों के लिए नई आशा लेकर आएगी।