फर्जी विज्ञापनों और लिंक की होगी पहचान
सरकार ने गूगल, फेसबुक, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के साथ स्कैम सिग्नल एक्सचेंज की प्रक्रिया तेज की है, ताकि फर्जी विज्ञापनों और लिंक की पहचान की जा सके। अधिक धोखाधड़ी वाले क्षेत्रों को चिह्नित कर वहाँ प्रवर्तन एजेंसियों की निगरानी बढ़ा दी गई है। साथ ही नकली वेबसाइटों और पेमेंट गेटवे को बंद करने की कार्रवाई भी की जा रही है।‘आप लोग ट्यूबलाइट हैं…’ निशिकांत दुबे के बयान पर भड़के ओवैसी, BJP ने किया किनारा
चार मोर्चों पर एक्शन
स्कैम सिग्नल एक्सचेंज: नियमित रूप से गूगल, वॉट्सऐप, फेसबुक के साथ स्कैम सिग्नल एक्सजेंच कर कार्रवाई हो रही है। प्रवर्तन: ज्यादा घटनाओं वाले स्थलों को चिह्नित कर संवेदनशील घोषित कर कार्रवाई होती है।Ex CM केजरीवाल की बेटी की शादी में पंजाब सीएम ने लगाए ऐसे ठुमके, लोग बोले- तुस्सी कमाल कर दित्ता
साइबर ठगी से बचने के लिए नीचे दिए गए 5 उपाय बेहद प्रभावी हैं:बुकिंग, खरीदारी या कोई भी लेनदेन करते समय केवल सरकारी या प्रतिष्ठित कंपनियों की सत्यापित वेबसाइट/ऐप का ही इस्तेमाल करें। URL को ध्यान से जांचें — जैसे .gov.in या कंपनी का असली डोमेन हो।
ईमेल, SMS, या सोशल मीडिया पर आए अंजान लिंक या QR कोड पर कभी क्लिक न करें। ये फिशिंग अटैक हो सकते हैं, जो आपकी जानकारी चुराने का जरिया बनते हैं।
फेसबुक, इंस्टाग्राम, या गूगल पर दिखने वाले सस्ते ऑफर वाले विज्ञापनों से बचें। ये अक्सर फर्जी वेबसाइटों की ओर ले जाते हैं। ऑफर वेरिफाई किए बिना भुगतान न करें।
मोबाइल या कंप्यूटर में एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर, फायरवॉल, और सेफ ब्राउज़िंग एक्सटेंशन का प्रयोग करें ताकि फर्जी वेबसाइटें ऑटोमैटिक ब्लॉक हो सकें। 5 संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत रिपोर्ट करें
अगर किसी स्कैम का शिकार हो जाएं या कोई फर्जी लिंक/वेबसाइट दिखे तो तुरंत www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें या 1930 पर कॉल करें।